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Chakradhar Samaroh 2025: आज से शुरू होगा भव्य चक्रधर समारोह, CM साय ने कला-प्रेमियों को किया आमंत्रित

Chakradhar Samaroh 2025

Chakradhar Samaroh 2025: रायगढ़। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी रायगढ़ में आज से शास्त्रीय संगीत और नृत्य की मधुर स्वरलहरियाँ गूंज उठेंगी। महाराजा चक्रधर सिंह की स्मृति में आयोजित होने वाला चक्रधर समारोह 2025 का भव्य शुभारंभ आज, 27 अगस्त से होगा और यह 5 सितंबर तक चलेगा।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो संदेश साझा कर देश-विदेश के कला-प्रेमियों को इस सांस्कृतिक महोत्सव में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।


Chakradhar Samaroh 2025: रायगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव


मुख्यमंत्री साय ने अपने संदेश में लिखा, “रायगढ़ की पावन धरती हमारी सांस्कृतिक धरोहर और कलाओं का अनमोल खजाना है। यह वही भूमि है, जहाँ महाराजा चक्रधर सिंह ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य को वैश्विक पहचान दिलाई। चक्रधर समारोह इस गौरवशाली परंपरा को जीवंत रखने का एक अनूठा प्रयास है।”


Chakradhar Samaroh 2025: परंपरा और कला का अनुपम संगम


सीएम साय ने कहा कि चक्रधर समारोह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि परंपरा, इतिहास और भारतीय कला की सुंदरता का एक जीवंत अनुभव है। गणेशोत्सव के साथ जुड़ा यह समारोह शास्त्रीय संगीत और नृत्य की लय के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध करता है। यह आयोजन रायगढ़ को कला की राजधानी के रूप में स्थापित करने वाले महाराजा चक्रधर सिंह के योगदान को श्रद्धांजलि देता है।


Chakradhar Samaroh 2025: महाराजा चक्रधर सिंह को नमन


मुख्यमंत्री ने महाराजा चक्रधर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “महाराजा चक्रधर सिंह ने न केवल रायगढ़, बल्कि पूरे भारत को शास्त्रीय संगीत और नृत्य की समृद्ध परंपरा से जोड़ा। उनके प्रयासों ने रायगढ़ घराना और कथक नृत्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। चक्रधर समारोह उनकी इस विरासत को संजोए रखने का एक वैश्विक मंच है।”


Chakradhar Samaroh 2025: कला-प्रेमियों के लिए खास अवसर


सीएम साय ने कला-प्रेमियों से इस सांस्कृतिक उत्सव का हिस्सा बनने की अपील की। उन्होंने कहा, “यह आयोजन हर उस व्यक्ति के लिए विशेष है, जो संगीत और नृत्य की गहराइयों को महसूस करता है। आइए, रायगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बनें और इस अनुपम अनुभव का आनंद लें।”


चक्रधर समारोह में देशभर के ख्यातिप्राप्त कलाकार शास्त्रीय संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियाँ देंगे, जिसमें कथक, ओडिसी, भरतनाट्यम जैसे नृत्य और सितार, तबला, शास्त्रीय गायन जैसी प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी। यह आयोजन रायगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि को विश्व पटल पर प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर है।

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