ACB-EOW की कार्रवाई सीएम साय का बयान- जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही सरकार
ACB-EOW: रायपुर। छत्तीसगढ़ में आबकारी और डीएमएफ घोटाले की जांच एक बार फिर तेज हो गई है। रविवार सुबह एसीबी–ईओडब्ल्यू की टीम ने राज्यभर में बड़ी कार्रवाई शुरू करते हुए रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर, कोंडागांव, दुर्ग, जगदलपुर और बलरामपुर में करीब 18 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। टीम ने विभिन्न जगहों पर दस्तावेजों की जांच की और अधिकारियों व कारोबारियों से पूछताछ भी शुरू कर दी है।
ACB-EOW: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि शिकायतों के आधार पर जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई तय है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि आबकारी और डीएमएफ दोनों घोटालों में जांच लंबे समय से चल रही है और आज की छापेमारी उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।
ACB-EOW: ये ठिकाने आए जांच की जद में
रायपुर: रामा ग्रीन कॉलोनी में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास, तथा अमलीडीह की ला विस्टा कॉलोनी में कारोबारी हरपाल अरोड़ा के ठिकाने।
दुर्ग: निरंजन दास के बेटे डॉ. अभिषेक दास का आवास।
बिलासपुर: शराब घोटाले से जुड़े अनिल टुटेजा के रिश्तेदार अशोक टुटेजा का घर।
कोंडागांव: डीएमएफ सप्लाई (2019–20) से जुड़े कोणार्क जैन का ठिकाना।
जगदलपुर: निरंजन दास के भाई चितरंजन दास का आवास।
अंबिकापुर: डॉ. तनवीर अहमद और अमित अग्रवाल के घर।
बलरामपुर: कारोबारी मनोज अग्रवाल का निवास।
जांच एजेंसी द्वारा जब्त दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

