मां बम्लेश्वरी मंदिर की पहाड़ी पर लगी भीषण आग, धुएं का गुबार चारों ओर, क्षेत्र में दहशत

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में स्थित विश्व प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी मंदिर की पहाड़ी पर बुधवार शाम अचानक भीषण आग लग गई। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। पहाड़ी के घने जंगलों में शुरू हुई आग इतनी भयावह थी कि इसकी लपटें और धुएं का गुबार दूर-दूर तक फैल गया। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में डर और चिंता का माहौल व्याप्त हो गया है। प्रशासन और दमकल विभाग की टीमें आग पर काबू पाने के लिए युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम के वक्त पहाड़ी पर पहले दूर से तेज रोशनी दिखाई दी। शुरुआत में यह समझना मुश्किल था कि यह क्या है, लेकिन नजदीक से देखने पर पता चला कि यह आग की बड़ी-बड़ी लपटें थीं। आग इतनी तेजी से फैली कि डोंगरगढ़ शहर के कई हिस्सों से इसे साफ देखा जा सकता था। धुएं का घना गुबार आसमान में छा गया, जिससे आसपास का माहौल और भी भयानक हो गया।
मां बम्लेश्वरी मंदिर की पहाड़ी पर लगी इस आग ने स्थानीय निवासियों और मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को सकते में डाल दिया। यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। आग की भयावहता को देखकर लोग चिंतित हैं कि कहीं मंदिर और आसपास के इलाकों को नुकसान न पहुंचे। जंगलों में आग फैलने से पर्यावरण को भी भारी क्षति होने की आशंका जताई जा रही है।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं। आग बुझाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। हालांकि, पहाड़ी इलाका होने के कारण आग पर काबू पाना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। बचाव अभियान लगातार जारी है और प्रशासन ने इसे जल्द से जल्द नियंत्रित करने की बात कही है।
फिलहाल आग लगने का सटीक कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि यह असामाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर की गई आगजनी का परिणाम हो सकता है। प्रशासन ने इस घटना की गहन जांच के आदेश दे दिए हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पहाड़ी पर फैले घने जंगलों में लगी इस आग से पर्यावरण को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका है। वनस्पतियों और वन्यजीवों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। पर्यावरणविदों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जल्द कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। साथ ही, सुरक्षा निर्देशों का पालन करने और घटनास्थल से दूर रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि स्थिति को जल्द नियंत्रण में लाया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।