CG News: ‘भारत को सशक्त अर्थ-व्यवस्था बनाने की रखेंगे बुनियाद’, किरण देव बोले- हम सभी को संकल्प लेना होगा अपने घर स्वदेशी सामान ही लाएंगे

- Rohit banchhor
- 21 Sep, 2025
आम आदमी के जीवन-स्तर व देश के आर्थिक परिदृश्य में क्रांतिकारी मजबूती आएगी।
CG News: रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश को देश के नव-निर्माण के संकल्प के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का प्रामाणिक दस्तावेज बताया है। श्री देव ने कहा कि अब तक के सबसे बड़े कर-सुधारों में से जीएसटी में हुए कर-सुधार से आम आदमी के जीवन में अहम और सकारात्मक बदलाव आना तय है। केन्द्र सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय से आम आदमी की बचत बढ़ेगी और 6 लाख करोड़ रुपए की खपत बढ़ेगी और आम आदमी के जीवन-स्तर व देश के आर्थिक परिदृश्य में क्रांतिकारी मजबूती आएगी।
श्री देव ने नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधारों की दिशा में केंन्द्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि जीएसटी की विभिन्न स्लैब दरों में कटौती के निर्णय से भारत की अर्थ-व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार आएगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री देव ने कहा कि जीएसटी नेक्स्ट जनरेशन से जुड़ा यह निर्णय स्वर्णिम फैसला है। प्रधानमंत्री श्री मोदी समाज के समग्र विकास और आर्थिक ढांचे को सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं और यह निर्णय राष्ट्र के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। श्री देव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिकी दबाव का प्रतिकार करने के लिए अब समूचे प्रदेशवासियों को संकल्प लेना होगा कि वे अपने घर स्वदेशी सामान ही लाएंगे। हमारा यह संकल्प भारत को सशक्त अर्थ-व्यवस्था बनाने की बुनियाद भी सिद्ध होगा। हमें आत्मनिर्भरता और स्वदेशी के मंत्र को एक संकल्प बनाकर व्यवहार में लाना होगा।
श्री देव ने कहा कि भारत की आर्थिक समृद्धि का मूल मंत्र ‘स्वदेशी’ है। यह विचार केवल स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका तात्पर्य है, स्वदेशी संसाधनों, तकनीकों, कौशल और संस्कृति के आधार पर विकास का रास्ता तय करना। जब-जब देश ने अपनी आंतरिक क्षमताओं पर विश्वास किया, तब-तब उसने वैश्विक मंच पर अपना प्रभुत्व सिद्ध किया। ‘मेक इन इंडिया’ अभियान अब ‘मेड बाय इंडिया’ की दिशा में अग्रसर हो रहा है। भारत को ऐसी आर्थिक संरचना बनानी होगी जिसमें स्वदेशी नवाचार, स्वदेशी उद्योग, और स्वदेशी उद्यमिता को बल मिले।