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CG Liquor Scam : गिरिराज होटल के मालिक पिता-पुत्र गिरफ्तार, सिंडिकेट के प्रमुख सदस्यों पर कार्रवाई

CG Liquor Scam

ये पिता-पुत्र घोटाले के कथित सिंडिकेट के प्रमुख सदस्य माने जा रहे हैं, जिन्होंने अवैध राशि के संग्रहण, भंडारण और वितरण का काम किया था।

CG Liquor Scam : रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने आज राजधानी रायपुर स्थित गिरिराज होटल के संचालक नितेश पुरोहित और उनके पुत्र यश पुरोहित को गिरफ्तार कर लिया। ये पिता-पुत्र घोटाले के कथित सिंडिकेट के प्रमुख सदस्य माने जा रहे हैं, जिन्होंने अवैध राशि के संग्रहण, भंडारण और वितरण का काम किया था।


यह गिरफ्तारी अपराध क्रमांक-04/2024 के तहत की गई, जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (भ्र.नि.अ.) 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 7 और 12, तथा भारतीय दंड संहिता (भादवि.) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (जालसाजी) तथा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज है। ब्यूरो के अधिकारियों के अनुसार, ये आरोपी मार्च 2024 से फरार चल रहे थे। जानकारी के मुताबिक, इन आरोपियों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 और दिसंबर 2024 में "नो कोर्सिव एक्शन" (कोई जबरन कार्रवाई न करें) का आदेश दिया था।


इसके बाद ब्यूरो के नोटिस पर वे उपस्थित तो हुए, लेकिन जांच में किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया। 17 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस रोक को हटा दिया, जिसके तुरंत बाद ईओडब्ल्यू की टीम ने कार्रवाई की। कल ही आबकारी विभाग के तत्कालीन आयुक्त निरंजन दास को गिरफ्तार किया गया था, जो इस प्रकरण का एक और प्रमुख आरोपी है। गिरिराज होटल के ये व्यवसायी पिता-पुत्र शराब घोटाले के कथित सिंडिकेट के अहम स्तंभ थे। जांच एजेंसियों के अनुसार, उन्होंने आबकारी विभाग के अधिकारियों और निजी व्यक्तियों तक अवैध धनराशि पहुंचाने का काम किया।


यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच चला, जिसमें शराब की खरीद-बिक्री में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और जालसाजी के जरिए सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पहले की जांच में भी नितेश पुरोहित का नाम प्रमुखता से आया था, जहां 2,161 करोड़ रुपये की हेराफेरी का खुलासा हुआ था। गिरफ्तार आरोपियों को आज ही विशेष भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय (जिला रायपुर) के समक्ष पेश किया गया। कोर्ट ने पुलिस रिमांड की मांग पर सहमति देते हुए 25 सितंबर तक की मंजूरी दी है। इस दौरान उनसे पूछताछ की जाएगी, ताकि सिंडिकेट के अन्य सदस्यों और अवैध लेन-देन के नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।

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