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Mouth Taping Trend : मुंह पर टेप लगाकर सोने का वायरल ट्रेंड, वैज्ञानिकों ने बताया क्यों है जानलेवा...

Mouth Taping Trend

लेकिन हालिया वैज्ञानिक अध्ययनों ने इस ट्रेंड को खतरनाक करार दिया है, जिसमें दम घुटने तक का जोखिम बताया गया है।

Mouth Taping Trend : डेस्क न्यूज। अच्छी नींद के लिए लोग तरह-तरह के उपाय आजमाते हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा माउथ टेपिंग ट्रेंड अब विवादों में है। टिकटॉक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोकप्रिय इस ट्रेंड में लोग सोते समय अपने मुंह पर टेप लगाकर नाक से सांस लेने की कोशिश करते हैं। दावा है कि इससे नींद की गुणवत्ता, ओरल हेल्थ में सुधार होता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी पड़ती है। लेकिन हालिया वैज्ञानिक अध्ययनों ने इस ट्रेंड को खतरनाक करार दिया है, जिसमें दम घुटने तक का जोखिम बताया गया है।


Mouth Taping Trend : माउथ टेपिंग ट्रेंड क्या है?

सोशल मीडिया पर वायरल माउथ टेपिंग ट्रेंड में लोग सोते समय अपने मुंह पर टेप चिपकाते हैं ताकि वे मुंह से सांस न लें और नाक से सांस लेने की आदत पड़ जाए। कई इन्फ्लुएंसर और मशहूर हस्तियां इस तरीके को बेहतर नींद और स्वास्थ्य के लिए बढ़ावा दे रही हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बिना वैज्ञानिक आधार के इस ट्रेंड को अपनाना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है।


Mouth Taping Trend : स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा-

इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में की गई एक रिव्यू स्टडी में पिछले 10 अध्ययनों का विश्लेषण किया गया, जिसमें 213 मरीजों पर मुंह पर टेप या चिन स्ट्रैप जैसे उपकरणों के प्रभाव का मूल्यांकन किया गया। स्टडी के प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं।

सीमित लाभ, बड़ा जोखिम- 10 में से केवल दो अध्ययनों में पाया गया कि हल्के ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) वाले कुछ मरीजों में मुंह पर टेप लगाने से मामूली सुधार हुआ। बाकी अध्ययनों में नींद की गुणवत्ता, स्लीप एपनिया के इलाज या मुंह से सांस लेने में कोई लाभ नहीं मिला।
दम घुटने का खतरा- चार अध्ययनों में चेतावनी दी गई कि जिन लोगों को नाक से सांस लेने में पहले से रुकावट (जैसे फीवर, क्रोनिक राइनाइटिस, विचलित सेप्टम, साइनोनसल रोग या बढ़े हुए टॉन्सिल) है, उनके लिए मुंह पर टेप लगाना जानलेवा हो सकता है। इससे दम घुटने का गंभीर खतरा बढ़ जाता है।
वैज्ञानिकों की चेतावनी- स्टडी के सह-लेखक डॉ. ब्रायन रोटेनबर्ग ने कहा, मशहूर हस्तियों और इन्फ्लुएंसरों द्वारा बिना वैज्ञानिक प्रमाण के इस ट्रेंड को बढ़ावा देना चिंताजनक है। यह कई लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। उन्होंने बताया कि यह ट्रेंड अनजाने में लक्षणों को बदतर बना सकता है और हृदय रोग जैसी जटिलताओं का जोखिम बढ़ा सकता है।
वैज्ञानिक आधार की जरूरत- स्टडी के सह-लेखक जेस री ने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य संबंधी निर्णय मजबूत वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित होने चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस खतरनाक ट्रेंड को तुरंत बंद करें।


Mouth Taping Trend : क्यों है यह ट्रेंड खतरनाक?

वैज्ञानिकों के अनुसार, नाक में रुकावट वाले लोग अगर मुंह पर टेप लगाकर सोते हैं, तो सांस लेने का कोई रास्ता न बचने से दम घुटने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, यह ट्रेंड स्लीप एपनिया जैसी गंभीर स्थिति को और जटिल बना सकता है, जिससे हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ता है।


Mouth Taping Trend : विशेषज्ञों की सलाह-

विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी नींद के लिए बिना डॉक्टरी सलाह के इस तरह के जोखिम भरे तरीकों को अपनाने से बचना चाहिए। अगर आपको नींद के दौरान सांस लेने में दिक्कत, खर्राटे या स्लीप एपनिया की शिकायत है, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें।

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