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Hanumaan Dhaara : हनुमान धारा, जहां लंका दहन की तपन से महाबली हनुमान को मिली थी शीतलता, पाताल गंगा के रूप में विख्यात पवित्र जलधारा...

Hanumaan Dhaara

हनुमान धारा के नाम से प्रसिद्ध यह पावन स्थल हर महीने लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है।

Hanumaan Dhaara : सतना। विंध्य पर्वत की गोद में बसा चित्रकूट, भगवान श्रीराम की तपोभूमि के साथ-साथ हनुमान धारा के लिए भी विश्व विख्यात है। पहाड़ी की गुफा से निकलने वाली यह शीतल जलधारा न केवल धार्मिक, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अनुपम है। मान्यता है कि यहीं पर लंका दहन के बाद राम भक्त हनुमान को जलन और तपन से मुक्ति मिली थी। हनुमान धारा के नाम से प्रसिद्ध यह पावन स्थल हर महीने लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है।


Hanumaan Dhaara : बता दें कि रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने चित्रकूट की महिमा का बखान करते हुए इसे श्रीराम, सीता और लखन का नित्य निवास बताया है। पौराणिक कथा के अनुसार, अयोध्या में श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद हनुमान ने लंका दहन से उत्पन्न तीव्र जलन की शिकायत प्रभु से की। तब श्रीराम ने उन्हें चित्रकूट पर्वत पर जाने का निर्देश दिया। हनुमान ने यहां विंध्य पर्वत की एक पहाड़ी पर श्री राम रक्षा स्तोत्र का 1008 बार पाठ किया। अनुष्ठान पूरा होते ही पहाड़ से एक शीतल जलधारा प्रकट हुई, जिसके स्पर्श से हनुमान को तपन से मुक्ति मिली। एक अन्य कथा के अनुसार, लंका में आग लगाने के बाद हनुमान की पूंछ में लगी जलन को शांत करने के लिए श्रीराम ने अपने बाण से इस पवित्र धारा को प्रकट किया। तब से यह जलधारा अनवरत बह रही है और इसे हनुमान धारा के नाम से जाना जाता है।


Hanumaan Dhaara : हनुमान धारा की अनूठी विशेषताएं-

हनुमान धारा मंदिर पहाड़ी के शिखर पर स्थित है, जहां हनुमान जी की विशाल मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के सिर के ऊपर दो जल कुंड हैं, जो हमेशा जल से भरे रहते हैं। इनसे निकलने वाली धारा हनुमान जी को स्पर्श करती हुई नीचे तालाब में गिरती है। आश्चर्यजनक रूप से यह जल पहाड़ में ही विलीन हो जाता है, जिसके कारण इसे ‘पाताल गंगा’ भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस धारा के जल से स्नान करने से पेट संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि श्रद्धालु इस पवित्र जल को अपने साथ ले जाना नहीं भूलते। मंदिर की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए पहले सीढ़ियां चढ़नी पड़ती थीं, लेकिन अब रोपवे की सुविधा ने दर्शन को और सुगम बना दिया है।


Hanumaan Dhaara : श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास-

हनुमान धारा का चमत्कार और इसकी शीतल जलधारा देश-विदेश के भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है। साल भर यहां श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है। मंदिर की साज-सज्जा और प्राकृतिक सौंदर्य हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता है। यह स्थान न केवल हनुमान भक्ति का प्रतीक है, बल्कि चित्रकूट की पौराणिक और आध्यात्मिक विरासत को भी जीवंत रखता है।

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