नकली नोटों का जाल बेनकाब, मंडला और नरसिंहपुर तक फैला था रैकेट, 12 लाख के जाली नोट बरामद, चार गिरफ्तार

- Rohit banchhor
- 21 Jun, 2025
अब तक की कार्रवाई में कुल 15 लाख रुपये के जाली नोट जब्त किए जा चुके हैं।
MP Crime : जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इस रैकेट का नेटवर्क जबलपुर से मंडला और नरसिंहपुर तक फैला था। हनुमान ताल थाना पुलिस ने मंडला से दो आरोपियों के कब्जे से 12 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं। इस मामले में चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो मंडला और दो जबलपुर के हैं। अब तक की कार्रवाई में कुल 15 लाख रुपये के जाली नोट जब्त किए जा चुके हैं।
बता दें कि पुलिस ने मंडला से संतोष श्रीवास्तव और अजय कुमार नवेरिया, जबकि जबलपुर से धीरज मनवानी और गौरव तिवारी को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि इस रैकेट का मास्टरमाइंड ऋतुराज विश्वकर्मा 25 हजार रुपये के बदले 1 लाख रुपये के नकली नोट सप्लाई करता था। उसने मंडला में 4 लाख रुपये के बदले 12 लाख रुपये के जाली नोट भिजवाए थे। धीरज मनवानी, गौरव तिवारी और राकेश तिवारी इन नकली नोटों को बाजार में खपाने का काम करते थे।
किराए के मकान में चल रही थी नकली नोटों की फैक्ट्री-
मुख्य आरोपी ऋतुराज विश्वकर्मा अधारताल के किराए के मकान में नकली नोट छापता था। पुलिस ने पिछले दिनों उसके पास से 3 लाख रुपये के नकली नोट, एक कलर प्रिंटर, लैपटॉप, पेपर कटिंग शीट और अन्य सामग्री बरामद की थी। पहले की कार्रवाई में ऋतुराज और रवि दहिया को गिरफ्तार किया गया था। उनकी पूछताछ के आधार पर पुलिस ने मंडला और नरसिंहपुर तक फैले इस नेटवर्क का खुलासा किया।
पुलिस की सख्त कार्रवाई और आगे की जांच-
हनुमान ताल थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर यह कार्रवाई की। जांच में सामने आया कि ऋतुराज पिछले 8-9 महीनों से नकली नोट छाप रहा था और उसने पेंट एप व विकिपीडिया की मदद से नोट डिजाइन किए। पुलिस को शक है कि यह रैकेट और भी बड़े स्तर पर सक्रिय हो सकता है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है ताकि नेटवर्क के अन्य सदस्यों और नकली नोटों की सप्लाई चेन का पता लगाया जा सके।