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बहरी और गूंगी नाबालिग के साथ की हैवानियत, पहले भी रेप केस में सजा काट चूका है, अब पुलिस गिरफ्त में

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मध्य प्रदेश में बहरी और गूंगी नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी व्यक्ति गिरफ्तार

राजगढ़ जिले में 11 वर्षीय अनाथ लड़की के साथ हुआ जघन्य अपराध, आरोपी पहले भी रेप केस में जेल काट चुका है

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक 11 वर्षीय बहरी और गूंगी अनाथ लड़की के साथ बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया है। इस जघन्य अपराध का आरोपी रमेश खाटी एक सीरियल अपराधी है, जो पहले भी बलात्कार के मामले में जेल काट चुका है। इससे पहले उसके खिलाफ एक बलात्कार मामले में दोषमुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील लंबित है।


घटनाक्रम:

पीड़िता लड़की 1 फरवरी की रात अपने घर से गायब हो गई थी। उसके बाद उसे पास के जंगल में गंभीर रूप से घायल अवस्था में पाया गया। उसे भोपाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां छह दिनों के उपचार के बाद 8 फरवरी को उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने पुष्टि की कि लड़की के साथ बलात्कार किया गया था और उसके निजी अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया था।

पुलिस की जांच और गिरफ्तारी:

इस घटना के बाद पुलिस ने नौ जिलों और कई रेलवे स्टेशनों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया। जांच के दौरान एक महत्वपूर्ण सुराग तब मिला जब नरसिंहगढ़ बस स्टैंड पर लाल शॉल और नीले-काले स्पोर्ट्स जूते पहने एक संदिग्ध व्यक्ति को देखा गया।

एक ऑटो-रिक्शा चालक ने पुष्टि की कि संदिग्ध व्यक्ति घटना के दिन शाम 6 बजे कुरावर बस स्टैंड से आया था। इस सुराग के आधार पर पुलिस ने अकोदिया पहुंचकर आरोपी के घर का पता लगाया। पता चला कि वह कुंभ मेला में गया हुआ है। पुलिस ने उज्जैन, शाजापुर, रतलाम और 17 रेलवे स्टेशनों पर छापेमारी की। सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई और प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भी संदिग्ध की पहचान की गई। पुलिस ने 136 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की समीक्षा की, 79 लोगों की पहचान की और 700 से अधिक मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया। अंत में, राजगढ़ जिले से रमेश खाटी को गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोपी का आपराधिक इतिहास:

राजगढ़ जिले के एसपी आदित्य मिश्रा ने बताया कि रमेश खाटी एक आदतन अपराधी है और उसके अपराधों का पैटर्न समान है। 2003 में, उसने एक पांच साल की लड़की के साथ बलात्कार किया था और 10 साल जेल में बिताए थे। 2014 में रिहा होने के बाद, उसने सीहोर जिले में एक आठ साल की लड़की के साथ बलात्कार किया।

हालांकि निचली अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन 2019 में हाई कोर्ट ने तकनीकी आधार पर उसे बरी कर दिया, क्योंकि पीड़िता के पिता पहचान परेड के दौरान मौजूद थे। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील लंबित है।

यह मामला एक बार फिर समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है, लेकिन इस तरह के मामलों में न्याय प्रक्रिया को और तेज करने की आवश्यकता है।

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