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sanchaar saathee app: संचार साथी’ ऐप नए मोबाइल फोन्स में ‘संचार साथी’ ऐप अनिवार्य करने के सरकारी आदेश पर बवाल, विपक्ष ने बताया पेगासस प्लस-प्लस, जानें किस बात मचा है घमासान

sanchaar saathee app: नई दिल्ली। केंद्र सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा सभी नए मोबाइल हैंडसेट में ‘संचार साथी’ ऐप को प्री-इंस्टॉल्ड (पहले से इंस्टॉल) करने के आदेश को लेकर बवाल शुरू हो गया है।

sanchaar saathee app: नई दिल्ली। केंद्र सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा सभी नए मोबाइल हैंडसेट में ‘संचार साथी’ ऐप को प्री-इंस्टॉल्ड (पहले से इंस्टॉल) करने के आदेश को लेकर बवाल शुरू हो गया है। विपक्ष ने इसे नागरिकों की जासूसी का खतरनाक हथियार” करार देते हुए संविधान विरोधी बताया है और तत्काल वापस लेने की मांग की है।


sanchaar saathee app: क्या है सरकारी आदेश


1- अगले 90 दिनों में भारत में बिकने वाले सभी नए हैंडसेट में ‘संचार साथी’ ऐप पहले से इंस्टॉल होना चाहिए।

2.- पहले से निर्मित और बाजार में मौजूद डिवाइसेज में भी सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह ऐप इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा।\


sanchaar saathee app: पूरी तरह गैर-संवैधानिक: कांग्रेस


विपक्षी पार्टियों ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने एक पोस्ट में इस कदम को पूरी तरह गैर-संवैधानिक” बताया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “बिग ब्रदर हमें नहीं देख सकता। DoT का यह आदेश पूरी तरह से गैर-कानूनी है। निजता का अधिकार, संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए जीवन के बुनियादी अधिकार का एक जरूरी हिस्सा है। वेणुगोपाल ने आगे कहा कि एक प्री-लोडेड सरकारी ऐप जिसे अनइंस्टॉल नहीं किया जा सकता, हर भारतीय पर नजर रखने का एक खतरनाक टूल है और यह हर नागरिक की हर हरकत, बातचीत और फैसले पर नजर रखने का एक तरीका है।


sanchaar saathee app: वहीं कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने लिखा, "यह पेगासस प्लस प्लस है।" शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस आदेश की तुलना “BIG BOSS सर्विलांस मोमेंट” से की है और कहा है कि सरकार गलत तरीकों से लोगों के फोन में घुसने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी कोशिशों का पुरजोर विरोध किया जाएगा।


sanchaar saathee app:संचार साथी पर सरकार का तर्क


1.सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उठाया गया है।

2- नकली, डुप्लीकेट और चोरी के IMEI नंबर वाले फोन तेजी से बढ़ रहे हैं।

3- सेकंड-हैंड फोन मार्केट में ब्लैकलिस्टेड/चोरी के फोन की बिक्री बढ़ी है।

4- ऐसे फोन्स का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों और अपराध में हो रहा है।

5- संचार साथी ऐप के जरिए चोरी हुए फोन को तुरंत ब्लॉक और ट्रेस किया जा सकेगा।

6-यह जासूसी के लिए नहीं, बल्कि नागरिकों को उसका चोरी हुआ फोन वापस दिलाने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी कदम है।



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