MP Crime : 15 करोड़ की डकैती का खुलासा, मास्टरमाइंड समेत 4 गिरफ्तार, राजगढ़ जेल में बनी थी योजना

MP Crime : जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक में 15 करोड़ रुपये की सनसनीखेज डकैती मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। दमोह से डकैती के मास्टरमाइंड रईस सिंह समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि सभी आरोपी पहले राजगढ़ जेल में बंद थे, जहां उन्होंने इस डकैती की योजना बनाई थी। जमानत पर छूटने के बाद उन्होंने जबलपुर में इस बड़ी वारदात को अंजाम दिया।
घटना 11 अगस्त 2025 को जबलपुर के खितौला मोड़ के पास स्थित ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक में हुई थी। सुबह करीब 9 बजे पांच हथियारबंद नकाबपोश बदमाश बैंक में घुसे और कर्मचारियों को बंधक बनाकर 14.875 किलो सोना और 5.7 लाख रुपये नकद लूटकर फरार हो गए। इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया था। पुलिस ने तुरंत 30 टीमें गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू की और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया।
पुलिस को सूचना मिली कि वारदात के बाद आरोपी दमोह भाग गए थे। जांच में पता चला कि मास्टरमाइंड रईस सिंह ने तीन अन्य आरोपियों को झारखंड जाने वाली ट्रेन में बिठाया था, जो लूटा हुआ सोना अपने साथ ले गए। दमोह में छिपे रईस को पुलिस ने धर दबोचा। उसकी निशानदेही पर 1.83 लाख रुपये नकद, दो बाइक, चार मोबाइल, एक कट्टा और जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
राजगढ़ जेल में बनी थी डकैती की योजना-
पूछताछ में रईस ने बताया कि वह और अन्य आरोपी पहले राजगढ़ डकैती मामले में जेल में बंद थे। जेल में ही उनकी मुलाकात हुई और डकैती की साजिश रची गई। जमानत पर छूटने के बाद उन्होंने जबलपुर के ESAF बैंक को निशाना बनाया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी पाटन और इंद्राना में रुके थे। पुलिस ने आधा सैकड़ा से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ की और अंततः चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
राजगढ़ में भी दी थी बड़ी वारदात को अंजाम-
आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है। रईस और उसके साथियों ने राजगढ़ में पहले भी एक बड़ी डकैती को अंजाम दिया था, जिसके लिए उन्हें जेल की सजा काटनी पड़ी थी। इस बार लूटा गया माल बेचने के लिए तीन आरोपी झारखंड भागे थे, जबकि रईस दमोह में छिपा हुआ था। पुलिस अब झारखंड में फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है और लूटे गए सोने की बरामदगी के लिए छापेमारी कर रही है।