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CG News: धान खरीदी में बड़ा बदलाव,धान तस्करी रोकने बनेगी स्पेशल टीम, एग्रीस्टेक-किसान पोर्टल पर होगा पंजीकरण

CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की धान खरीदी को लेकर मंत्रालय महानदी भवन में हुई मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में हुई।

CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की धान खरीदी को लेकर मंत्रालय महानदी भवन में हुई मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में तय किया गया कि इस बार किसानों का पंजीकरण एग्री स्टेक और एकीकृत किसान पोर्टल पर किया जाएगा।


CG News: बैठक में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओपी चौधरी और राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, खाद्य विभाग की सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले, वित्त विभाग के सचिव मुकेश बंसल और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


CG News: बता दें, अब तक पंजीकरण समिति और सहकारी संस्थाओं के स्तर पर होता था। किसानों को खसरा-खतौनी, आधार, बैंक पासबुक जैसे दस्तावेज जमा करने पड़ते थे। कागजी प्रक्रिया लंबी होने से दोहरे पंजीकरण, फर्जी किसानों के नाम से धान बेचने और रिसाइक्लिंग जैसी समस्याएं सामने आती थीं। भुगतान में भी कई बार देरी होती थी।


CG News: अब एग्री स्टेक और एकीकृत किसान पोर्टल पर किसानों के पंजीयन होने से भुगतान में होने वाली देरी पर विराम लगेगा। किसानों की पहचान और जमीन का ब्यौरा अब डिजिटल डेटाबेस से जुड़ेगा। इससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी और खरीदी व भुगतान की रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव होगी। किसानों को उनके धान का पैसा समर्थन मूल्य पर तय समय सीमा में सीधे खाते में मिलेगा।


CG News: किसानों के पंजीयन का पुराना सिस्टम


1.पहले धान खरीदी के लिए किसानों का पंजीकरण मुख्य रूप से समिति/समिति कार्यालय या सहकारी समितियों के स्तर पर किया जाता था।

2.किसानों को पंजीयन के लिए भौतिक दस्तावेज जमा करने होते थे, जैसे खसरा-खतौनी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक आदि।

3.कागजी प्रक्रिया लंबी और जटिल थी, जिससे कई बार दोहरे पंजीकरण, फर्जीवाड़े और धान रिसाइक्लिंग जैसी समस्याएं सामने आती थीं।

4.भुगतान की प्रक्रिया भी कई बार विलंबित रहती थी क्योंकि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण सीमित था।

5.सीमा क्षेत्रों से अवैध धान की आवक पर नियंत्रण कमजोर था।


CG News: नया सिस्टम (2025-26 से लागू)


1.अब किसानों का पंजीकरण एग्रीस्टेक पोर्टल और एकीकृत किसान पोर्टल दोनों पर किया जाएगा।

2.यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल और केंद्रीकृत डेटाबेस से जुड़ी होगी, जिससे किसान की पहचान और उसकी वास्तविक भूमि का विवरण रियल टाइम में देखा जा सकेगा।

3.दोहरे पंजीकरण या फर्जी किसानों के नाम से धान बेचने की संभावना काफी हद तक खत्म होगी।

4.खरीदी और भुगतान दोनों की ऑनलाइन ट्रैकिंग होगी। इससे किसानों को समर्थन मूल्य का भुगतान समय पर मिलने की संभावना बढ़ेगी।

5.सीमावर्ती जिलों में अवैध धान रोकने के लिए पोर्टल से जुड़े क्रॉस वेरिफिकेशन और विशेष जांच दल दोनों का उपयोग किया जाएगा।


CG News: धान तस्करी रोकने बनेगी स्पेशल टीम


बैठक में धान खरीदी की अन्य तैयारियों पर भी चर्चा हुई। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, धान उपार्जन के लिए नए और पुराने जूट बारदाने की उपलब्धता समय रहते सुनिश्चित की जाए। सीमावर्ती जिलों में अवैध धान की रोकथाम के लिए स्पेशल टीम बनाने का निर्देश दिया है। उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिए मिलों को पहले से तैयार करने पर भी जोर दिया गया।

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