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मंडलों का डिलिमिटेशन करेंगी बीजेपी, एमपी में और मजबूत होगा संगठन का नेटवर्क

बीजेपी

भोपाल। मध्यप्रदेश में जिले और तहसीलों का नए सिरे से सीमांकन की कवायद के बीच भाजपा संगठन भी अपने मंडलों के डिलिमिटेशन की कवायद में जुट गया है। बूथ स्तर पर भाजपा के नेटवर्क मजबूती के लिए यह सभी जिलों में यह बदलाव होगा। प्रदेश में अभी 1099 मंडल हैं परिसीमन के बाद इसमें करीब 200 और बढ़ने की संभावना जताई गई है। अभी किन्हीं मंडलों के अंतर्गत बूथों की संख्या में असमान होने से पदाधिकारियों को समन्वय में असुविधा हो रही है। भौगोलिक दिक्कतें भी सामने आ रही हैं।


प्रदेश में भाजपा संगठन के 60 जिले हैं। पार्टी हाईकमान के समक्ष ज्यादातर नेताओं ने मंडलों का नए सिरे से परिसीमन पर जोर दिया है। एक मंडल में न्यूनतम 40 और अधिकतम 60 बूथ रखने का प्रस्ताव है। संगठन की उच्च स्तरीय बैठक में इस संबंध में सहमति भी बन चुकी है। अब इस बदलाव पर संगठन काम शुरू करेगा। इससे बूथ प्रभारियों के सामने आने वाली परेशानियां कम होंगी।भाजपा संगठन में हाल ही में चलाए गए सदस्यता अभियान के दौरान पार्टी ने बूथ स्तर तक अपने नेटवर्क की मजबूती पर जोर दिया है। अभी प्रदेश के सभी जिलों में मंडलों के अंतर्गत बूथों का सीमांकन व्यवस्थित और सुविधाजनक नहीं है। इस वजह से समन्वय के लिए भौगोलिक रूप से मंडल और बूथ प्रभारियों को दिक्कतें आती हैं।


हर बूथ का डाटा ऑनलाइन

अभी किसी मंडल के अंतर्गत 50 बूथ हैं तो किसी में 80, 90 और 100 की संख्या भी है। मप्र में 65 हजार से अधिक बूथ हैं, 85 फीसदी पर समिति गठित हो चुकी हैं। भाजपा केंद्रीय कार्यालय के पास प्रदेश के हर बूथ का डाटा एक क्लिक पर उपलब्ध हो रहा है।


बूथों का होगा समायोजन

पार्टी सूत्रों का कहना है कि सभी मंडलों में बूथों का समायोजन कर औसत रूप से समान वितरण किया जाएगा। परिसीमन के बाद मंडल की मौजूदा संख्या में लगभग 20 फीसदी बढ़ोतरी होने की संभावना है। प्रदेश में मंडलों की संख्या 1300 तक जा सकती है।

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