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अमेरिका का बड़ा सैन्य कदम, इंडो-पैसिफिक में बी-2 बॉम्बर और विमानवाहक पोतों की तैनाती, जानें इसके मायने


- Pradeep Sharma
- 05 Apr, 2025
America deployment of B-2 bombers and aircraft carriers in Indo-Pacific: अमेरिका ने एक बड़े सैन्य कदम के तहत इंडो-पैसिफिक और हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी अब तक की सबसे बड़ी बी-2 स्टील्थ
वाशिंगटन। America deployment of B-2 bombers and aircraft carriers in Indo-Pacific: अमेरिका ने एक बड़े सैन्य कदम के तहत इंडो-पैसिफिक और हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी अब तक की सबसे बड़ी बी-2 स्टील्थ बॉम्बर फ्लीट और तीन विमानवाहक पोतों को तैनात किया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब वैश्विक ध्यान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफों पर केंद्रित था। इस सैन्य तैनाती को क्षेत्र में चीन और रूस जैसे देशों के लिए एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
America deployment of B-2 bombers and aircraft carriers in Indo-Pacific: हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया सैन्य बेस में तैनाती
पेंटागन ने हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया सैन्य अड्डे पर कम से कम छह बी-2 स्टील्थ बॉम्बर विमानों को तैनात किया है। यह अड्डा अमेरिका और ब्रिटेन का साझा सैन्य ठिकाना है। सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि इन अत्याधुनिक विमानों को डिएगो गार्सिया के रनवे पर खड़ा किया गया है। अमेरिका के पास कुल 20 बी-2 स्टील्थ बॉम्बर हैं, जो दुनिया के सबसे उन्नत सैन्य विमानों में शुमार हैं। इस तैनाती के जरिए अमेरिका ने अपनी करीब 30 प्रतिशत बी-2 फ्लीट को इस क्षेत्र में भेजा है, जो एक बड़े रणनीतिक कदम की ओर इशारा करता है।
America deployment of B-2 bombers and aircraft carriers in Indo-Pacific: साथ ही, अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने विमानवाहक पोतों की संख्या को एक से बढ़ाकर तीन करने की योजना बनाई है। इनमें से दो विमानवाहक हिंद महासागर में और एक पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर के पास तैनात किया जाएगा। वाशिंगटन ने यूएसएस निमित्ज कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को पश्चिमी प्रशांत में भेजा है, जो चीन को यह संदेश देता है कि अमेरिका इस क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन और यूएसएस कार्ल विंसन जैसे विमानवाहक पोत भी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।
America deployment of B-2 bombers and aircraft carriers in Indo-Pacific: रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बी-2 बॉम्बर और विमानवाहकों की इतने बड़े पैमाने पर तैनाती केवल यमन के हूती विद्रोहियों या ईरान के लिए नहीं हो सकती। उनका कहना है कि दो बी-2 बॉम्बर, जो प्रत्येक 40,000 पाउंड का पेलोड ले जाने में सक्षम हैं, हूती विद्रोहियों से निपटने के लिए काफी हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह तैनाती क्षेत्र में चीन और रूस जैसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों को नियंत्रित करने और उनकी सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए की गई है, जो ईरान के सहयोगी माने जाते हैं।
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