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‘राज’ रंग मनीष के संग

‘Raj’ Rang

किसी से रूठो तो जरा संभल कर रूठना.

आजकल मनाने का नहीं साहब छोड़ देने का रिवाज हैं.


नए मुख्य सचिव

छत्तीसगढ़ के नए मुख्य सचिव को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हैं. नाम तो कई तैर रहें हैं. लेकिन महतारी वंदन कर सता के सिंहासन पर आरूढ़ भाजपा क्या इसमें एक कदम और आगे बढ़ सकती हैं. याने प्रदेश में नए मुख्य सचिव के रूप में भी महिला को मौका मिलने की सम्भावना हैं जिनका नाम चर्चा में हैं वो स्वाभाविक दावेदार भी हैं. ट्रैक रिकार्ड भी क्लीन हैं परेशानी यदि आ सकती हैं तो वो उनकी नियमनुसार कार्य करने की शैली हो सकती हैं. यदि पुलिस प्रमुख की नियुक्ति को देखा जाए तो यह उनके लिए प्लस पॉइंट हो सकता हैं. सरकार की वर्तमान छवि को भी देखा जाए तो भी वो इस पर फिट बैठती हैं और वो नाम हैं रेणु पिल्लै का.


अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारीयों का नाम सीएस की दौड़ में हैं. इसमें रेणु पिल्लै सबसे सीनियर हैं 1991 बैच की अधिकारी हैं तो वरिष्ठता क्रम में दुसरे नंबर पर सुब्रत साहू हैं जो 1992 के हैं. इसके बाद अमित अग्रवाल तीसरे क्रम में 1993 बैच के हैं. वहीं रिचा शर्मा, निधि छिब्बर, विकासशील और मनोज पिंगुआ हैं ये सभी 1994 बैच के हैं. इनमे से अमित अग्रवाल आधार में सीईओ, निधि छिब्बर नीति आयोग में प्रदेश के बाहर और विकासशील एशियन डेवलपमेंट बैंक फिलीपींस में देश से बाहर प्रतिनियुक्ति पर हैं. इनके छत्तीसगढ़ वापसी की संभावना कम ही हैं.


यदि ये अधिकारी कैडर में नहीं लौटते हैं तो वरिष्ठता क्रम में रेणु पिल्लै, सुब्रत साहू, रिचा शर्मा और मनोज पिंगुआ आ जाते हैं. इसमें सुब्रत साहू को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रमुख सचिव के रूप में काम करने के कारण दौड़ से बाहर बाताया जा रहा हैं. इसके बाद रिचा शर्मा और मनोज पिंगुआ का नाम आता हैं. वरिष्ठता क्रम को ही यदि सरकार प्राथमिकता देती हैं तो रेणु पिल्लै ही पहले नंबर पर हैं. इसके बाद रिचा शर्मा और मनोज पिंगुआ आते हैं. दोनों एक ही बैच के हैं. इनमे यदि ट्रैक रिकार्ड को देखा जाएगा तो पिंगुआ का कैरियर साफ सुथरा रहा हैं और वर्तमान में वे गृह विभाग की महत्तवपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. तो इनका पलड़ा यदि दोनों में चयन करने का हुआ तो भारी हो सकता हैं.


मंत्री मंडल विस्तार

छत्तीसगढ़ में मंत्री मंडल का विस्तार कई दिनों से पक रहा हैं. इस खिचड़ी में कई बार उबाल आ चूका हैं और लगता हैं की अब पानी बाहर आएगा लेकिन आग ही ठंडी पड़ जाती हैं. और पकने की कगार पर पहुंचे दाल – चांवल आधे जल कर रह जाते हैं. आम जनता को तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा पर राजनीति चर्चा और ख़बरों का विश्लेषण करने वालों को जरुर कुछ दिन का विषय मिल जाता हैं.


अब चर्चा हैं कि 2 से 3 विधायकों का मंत्री बनना तो तय हैं. कुछ को हटना भी पड़ सकता हैं. नए कौन आयेंगे इसमें दो नामो को तो राजनीति के जानकार तय बता रहें हैं तीसरे नाम को लेकर ही बार-बार बात बिगड़ रही हैं जो दो नाम तय हैं वो दुर्ग शहर के विधायक गजेद्र यादव और पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक अमर अग्रवाल का नाम हैं तीसरे में कई नाम चर्चा में हैं उसमे अजय चंद्राकर, राजेश मूणत प्रमुख हैं मगर इन दोनों के हाथ से हर बार रेट फिसल रही हैं कहा ये भी जा रहा हैं की ये दोनों को आगे कर किसी तीसरे नाम पर समझौता होने की संभावना बन सकती है. अब देखना होगा की ये किस्मत का धनि कौन हो सकता हैं राजधानी रायपुर से या कहीं और से.


चर्चा में आमंत्रण कार्ड

आईएएस अधिकारीयों के विभाग में बदलाव और उनका केंद्र में जाना सामान्य प्रक्रिया हैं लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं और उनकी जगह नए सचिव आ रहें हैं. ये आम बात हैं. इसमें ख़ास हैं अधिकारीयों की विदाई और स्वागत में दी जा रही पार्टी और उसमे भी इसके लिए बाटे गए आमंत्रण कार्ड चर्चा इसी निमंत्रण कार्ड को लेकर हैं इन अधिकारीयों के लिए एक पार्टी का आयोजन विभाग द्वारा किया जा रहा हैं जैसा की कार्ड में लिखा हैं वो भी राजधानी की एक 5 सितारा होटल में.


आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राजधानी के एक 5 सितारा होटल में विदाई और स्वागत समारोह का आयोजन किया गया है. सोमवार 21 जनवरी को विभाग के सचिव आर प्रसन्ना की केंद्रीय गृह मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति और उनके स्थान पर डॉ. भारतीदासन के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव बनने पर एक शानदार पार्टी का आयोजन किया गया है इसके आमंत्रण कार्ड बाकायदा वितरित किये जा रहे हैं और यह सोशल मीडिया में भी सुर्खियाँ बटोर रहें हैं कोई अधिकारी के नाम के आगे ‘जी’ लिखने को लेकर तो कोई समरोह की भव्यता को लेकर इसे पोस्ट कर रहा हैं.


बहरहाल अधिकारयों के आने-जाने पर उनकी विदाई और स्वागत तो होता हैं पर इस प्रकार शासकीय आयोजन करना ये मक्खन लगाने की पराकाष्ठा कहा जा सकता हैं. इस आयोजन का खर्चा कौन उठा रहा हैं....? सादगी से हो सकने वाले इस आयोजन को इतनी भव्यता क्यों..? ये सब भविष्य के गर्भ हैं. खबर का असर तो पहले ही हो गया सोशल मीडिया में निमंत्रण कार्ड के वायरल होने के बाद इस आयोजन को अपरिहार्य कारणों से स्थगित करने के आदेश भी जरी हो गए.


लेकिन अंत में एक सवाल क्या ये सीधे-साधे सरल मुख्यमत्री विष्णुदेव साय सरकार की उजली छवि पर असर तो नहीं डाल रहा था...? इसे स्थगित करने के आदेश ने इस बात की पुष्टि तो कर दी की ये शासकीय आयोजन था.

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