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Raigarh Crime : पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 75 लाख रुपये की ठगी में 14 साइबर अपराधी चढ़े पुलिस के हत्थे, ऐसे देते थे वारदात को अंजाम...

रायगढ़ पुलिस ने 75 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में 14 अंतरराज्यीय ठगों को गिरफ्तार किया। विशेष टीम ने बिहार में छापेमारी कर ठगी के आठ परतों का पर्दाफाश किया।

Raigarh Crime : रायगढ़। जिले के खरसिया थाना क्षेत्र में एक बड़े साइबर ठगी के मामले का पर्दाफाश करते हुए रायगढ़ पुलिस ने 75 लाख रुपये की धोखाधड़ी में संलिप्त अंतरराज्यीय गिरोह

Raigarh Crime : रायगढ़। जिले के खरसिया थाना क्षेत्र में एक बड़े साइबर ठगी के मामले का पर्दाफाश करते हुए रायगढ़ पुलिस ने 75 लाख रुपये की धोखाधड़ी में संलिप्त अंतरराज्यीय गिरोह के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशन में डीएसपी अभिनव उपाध्याय के नेतृत्व में विशेष टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है।

Raigarh Crime : मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि खरसिया थाना क्षेत्र में एक व्यवसायी ने फेसबुक पर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की डीलरशिप के लिए विज्ञापन देखा और दिए गए नंबर पर संपर्क किया। कॉलर ने खुद को कंपनी का प्राधिकृत कर्मचारी बताते हुए विभिन्न शुल्कों के नाम पर 75 लाख रुपये ठग लिए। जब डीलरशिप नहीं मिली और आरोपियों ने और पैसे की मांग की, तो व्यवसायी ने ठगी का अहसास होने पर खरसिया थाना में शिकायत दर्ज कराई।

Raigarh Crime : पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएसपी साइबर सेल अभिनव उपाध्याय की अगुआई में विशेष टीम गठित की। इस टीम ने बिहार में कई स्थानों पर छापेमारी की और बैंक खातों की जांच, मोबाइल नंबरों के विश्लेषण, और बैंक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने ठगी को अंजाम देने के लिए एक संगठित सिंडिकेट का उपयोग किया था, जिसमें आठ विभिन्न परतों में अपराध किए जाते थे। पकड़े गए आरोपियों में सावन कुमार 34 वर्ष, कुमार विद्यानंद 37 वर्ष, मिंकू कुमार उर्फ सोनू 24 वर्ष, विकास कुमार 29 वर्ष, नयन पांडे उर्फ प्रदुमन 25 वर्ष, पवन कुमार 36 वर्ष, सतीश कुमार 20 वर्ष, राहुल कुमार 20 वर्ष, अंकित कुमार 19 वर्ष, शुभम कुमार महतो 29 वर्ष, अनिल कुमार शर्मा 40 वर्ष, पिन्टू कुमार पांडे 20 वर्ष, आरती कुमारी 19 वर्ष और पप्पू कुमार 32 वर्ष, है। ये सभी आरोपी पटना बिहार के रहने वाले है। पुलिस की सूझबूझ और कार्यकुशलता के कारण इस गिरोह का भांडाफोड़ किया गया है। मामले की विवेचना जारी है और निकट भविष्य में और भी आरोपियों के पकड़े जाने की संभावना है।

Raigarh Crime : वारदात के तरीका-
आरोपीगण एक संगठित सिंडिकेट बनाकर कुल 8 परतों (layers) में ठगी को अंजाम देते थे।
LAYER -1 खाता धारक जिनके नाम से फ्रॉड के पैसे मँगवाने हेतु खाता खुलवाए जाते थे ।
LAYER-2 जिनके द्वारा खाता धारक के आधार कार्ड में उनके वास्तविक पते को बदलकर फ़र्ज़ी पता दर्ज किया जाता था ।
LAYER-3 जिनके द्वारा कलकत्ता पश्चिम बंगाल एवं अन्य राज्यों से फ़र्ज़ी सिम लाकर उपलब्ध कराया जाता था ताकि इन सिम कार्ड का प्रयोग फ्रॉड कॉलिंग एवं बैंक खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के रूप में किया जा सके ।
LAYER-4 जो फ्रॉड सिम एवं फ्रॉड एड्रेस ke आधार पर LAYER-1 के साथ विभिन्न बैंकों में उनका खाता खुलवाने जाते थे।

LAYER- 5 पोस्ट आफ़िस के डाकिया जिसके द्वारा बैंक से रजिस्टर्ड डाक में प्राप्त ATM कार्ड एवं अन्य दस्तावेजों को फ़र्ज़ी एड्रेस पर डिलीवर किया जाता था।
LAYER-6 जिनके द्वारा पोस्टमैन से सभी फ़र्ज़ी खाता धारकों का एटीएम, पासबुक चेक बुक आदि प्राप्त किया जाता था एवं फ्रॉड पैसे खाते में आने पर तुरंत पैसों का आहरण करके मुख्य सरग़ना को दिया जाता था।
LAYER -7 जो प्रतिदिन फ्रॉड कॉलिंग करने वालों को उपलब्ध/ active अकाउंट की जानकारी देते थे ताकि उसमें प्रार्थी को ठगकर उसके पैसे मंगाए जा सके।
LAYER -8 मुख्य कॉलिंग टीम जो फ़र्ज़ी नंबरों का प्रयोग कर प्रार्थी को कॉल कर ठगी को अंजाम देते थे एवं पैसा आने पर नीचे के सभी लेयर्स को यथोचित कमीशन बाटते थे । 

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