मप्र के धार्मिक नगरों में शराब बंदी करेगी सरकार, कांग्रेस का तंज- बाकी जिलों में क्यों बंद नहीं हो रही शराब...

- Rohit banchhor
- 13 Jan, 2025
उमंग ने कहा कि बाकी जगह क्यों शराब बेची जाए,क्या गुजरात शराब भेजनी है, इस लिए बाकी जिलों को छोड़ना चाहते हैं।
MP News : भोपाल। मध्य प्रदेश में मोहन सरकार प्रदेश के धार्मिक नगरों में शराबबंदी करने जा रही है जिसको लेकर मध्य प्रदेश में नई सियासत का जन्म हो गया है। कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में शराब बंद करने की मांग की है। धार्मिक नगरों में शराबबंदी को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि शराबबंदी की शुरुआत क्या उज्जैन से होगी, उन्होंने कहा कि सिर्फ कहने से काम नहीं चलेगा यह बताएं कि आदेश कब निकलेगा, और सिर्फ धार्मिक नगरी में ही क्यों पूरे प्रदेश के अंदर शराब बंद होना चाहिए। उमंग ने कहा कि बाकी जगह क्यों शराब बेची जाए,क्या गुजरात शराब भेजनी है, इस लिए बाकी जिलों को छोड़ना चाहते हैं।
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सीएम कर रहे धर्म की राजनीति-
शाजापुर जिले के 11 गांवों के नाम बदलने पर भी उमंग सिंघार ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केवल धर्म की राजनीति कर रहे हैं। वह नाम बदलने से दुबारा मुख्यमंत्री नहीं बन सकते है। नाम बदलने की जगह प्रदेश के विकास का काम होना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि उज्जैन में अगर गांव के नाम बदल रहे हैं तो जमीनों की रजिस्ट्री बदल रही है। जमीनों की रजिस्ट्री किसके नाम पर हो रही है,यह उज्जैन के लिए एक बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रियां दबाव में की जा रही है। मुख्यमंत्री को इसके लिए जवाब देना चाहिए कि कौन से लोग हैं जो रजिस्ट्री बदल रहे हैं। यह प्रदेश का एक बड़ा मामला है।
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हेमंत कटारे का तंज खोदा पहाड़ निकली चुहिया-
उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि जिला अध्यक्षों के लिए सह प्रभारी से प्रभारी बनाए गए
लगा कि मध्य प्रदेश में बहुत बड़ा परिवर्तन होने वाला है लेकिन खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाला हाल ही हुआ है। दो मात्र जिला अध्यक्ष नियुक्ति कर पाए है । उसमें से भी एक वर्तमान मुख्यमंत्री और एक पूर्व मुख्यमंत्री की पसंद वाले है। बीजेपी में कुर्ता फाड़ राजनीति हो रही है। अभी तो लगता है की सूची नहीं आएगी, वह अभी कोऑर्डिनेशन में चली गई है।
प्रधानमंत्री और अध्यक्ष के पास सूची चली गई है जब सूची निकलेगी तो कुर्ते भी फटेंगे
हेमंत कटारे ने कहा कि नाम बदलने की राजनीति हो रही है, जैसा परसिमन आयोग बनाया गया लेकिन आयोग का ऑफिस आज तक नहीं बन पाया,आयोग की क्या-क्या कार्य क्षेत्र होंगे यह नहीं पता. नाम परिवर्तन होना चाहिए तो कोई भी मापदंड होना चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री सो कर उठे और नाम बदल दिए। उन्होंने कहा कि जिन वादों को लेकर सरकार आई थी उस वचन पत्र को जरूर देखें। अगर बीजेपी के पास वह कलर्ड कॉपी नहीं है तो मैं खुद भेज दे दूंगा।