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गांधी मेडिकल कॉलेज ने छात्र से 72 घंटे निरंतर करवाया काम, याचिका के बाद हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

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मेडिकल एजुकेशन और गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।

MP News : भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज के एक छात्र की याचिका पर हाईकोर्ट जबलपुर की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है। याचिकाकर्ता ने याचिका में आरोप लगाया है कि कॉलेज में 72 घंटे लगातार काम कराकर उसकी रैगिंग की गई। वहां इस हद तक प्रताड़ना मिली कि डिप्रेशन में जाने के कारण उसे कोर्स ही छोड़ना पड़ा। सीहोर के डॉ. राजकुमार अहिरवार की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उसने 2022 में एमडी पीडियाट्रिक्स कोर्स में एडमिशन लिया था।


MP News : उससे बॉण्ड भराया गया था कि कोर्स पूरा होने से पहले उसने सीट छोड़ी तो 30 लाख रुपए की पेनाल्टी भरनी पड़ेगी अन्यथा उसके ओरिजनल दस्तावेज वापस नहीं किए जाएंगे। आवेदक का कहना है कि कोर्स के दौरान सीनियर्स ने जमकर रैगिंग ली। उसे जूनियर डॉक्टर बनाकर लगातार 72 घंटों तक बिना आराम किए काम कराया गया। कॉलेज, हॉस्टल में इस हद तक प्रताड़ित किया गया कि 13 जनवरी 2023 को कोर्स छोड़ दिया।


MP News : छात्र ने कहा- 30 लाख की पेनाल्टी वसूलना असंवैधानिक-
आवेदक का कहना है कि मप्र सरकार ने सत्र 2024-25 से 30 लाख के बॉण्ड की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। इसका हवाला देते हुए उसने कहा कि उसे सीट छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, इसलिए उससे 30 लाख रुपए की पेनाल्टी वसूलना असंवैधानिक है। प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संधी ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद जस्टिस सुश्रुत धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की डिवीजन बेंच ने याचिका में अनावेदक बनाए गए मप्र सरकार, डायरेक्टर, मेडिकल एजुकेशन और गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।

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