CG News : शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 71.50 लाख की ठगी, श्रेया और आराध्या ने झांसे में फंसाया, कारोबारी की गाढ़ी कमाई लुटी

- Rohit banchhor
- 13 Sep, 2025
पीड़ित की शिकायत पर सरस्वती नगर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
CG News : रायपुर। राजधानी रायपुर में एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी डाकेश्वर सिंह 47 वर्ष के साथ शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 71.50 लाख रुपये की सनसनीखेज ठगी का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया के जरिए दो महिलाओं, श्रेया अग्रवाल और आराध्या अग्रवाल, ने कारोबारी को झांसा देकर पहले 19.50 लाख और फिर 52 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित की शिकायत पर सरस्वती नगर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सोशल मीडिया पर दोस्ती, फिर ठगी का जाल-
कोटा निवासी डाकेश्वर सिंह, जो ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हैं, को जून 2025 में फेसबुक पर श्रेया अग्रवाल की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। व्हाट्सऐप पर बातचीत के दौरान श्रेया ने शेयर मार्केट में चार गुना मुनाफे का लालच दिया और एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से जोड़ा। स्क्रीनशॉट और ग्रुप चैट के जरिए भरोसा जीतने के बाद, डाकेश्वर ने 2 से 15 जुलाई के बीच 19.50 लाख रुपये जमा कर दिए। ऐप में 78 लाख का फर्जी मुनाफा दिखाया गया, लेकिन पैसे निकालने की कोशिश पर श्रेया ने टैक्स और पेनल्टी का बहाना बनाया। तब कारोबारी को ठगी का अहसास हुआ।
दूसरी बार फिर फंसे, आराध्या ने ठगे 52 लाख-
पहली ठगी के बाद डाकेश्वर की मुलाकात सोशल मीडिया पर आराध्या अग्रवाल से हुई। आराध्या ने शेयर मार्केट में ठगी की बात कहकर भरोसा जीता और दावा किया कि उसका ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अधिकृत है। उसने 5 लाख रुपये निवेश पर 6 लाख का रिटर्न देकर कारोबारी का विश्वास जीता। इसके बाद 2 से 31 अगस्त के बीच फर्जी ऑनलाइन कॉन्ट्रैक्ट के जरिए डाकेश्वर से 52 लाख रुपये और जमा करा लिए गए। पैसे निकालने की कोशिश पर फिर टैक्स और पेनल्टी का बहाना बनाया गया, जिसके बाद कारोबारी ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस जांच शुरू, साइबर ठगी का बड़ा नेटवर्क संदिग्ध-
सरस्वती नगर पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और साइबर सेल की मदद से लेन-देन और कॉल डिटेल्स की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में संदेह है कि यह ठगी का एक बड़ा नेटवर्क हो सकता है, जो देश के बाहर से भी संचालित हो सकता है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान व्यक्तियों या ऑनलाइन निवेश स्कीमों पर भरोसा करने से पहले उनकी प्रामाणिकता जांच लें।