Aurangzeb Tomb Controversy: यूएन तक पहुंचा औरंगजेब का कब्र विवाद, खुद को अंतिम मुग़ल सम्राट बहादुर शाह ज़फ़र का वंशज बताने वाले शख्स ने पत्र लिखकर संयुक्त राष्ट्र से मांगी सुरक्षा

Aurangzeb Tomb Controversy: नई दिल्ली। औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद अब संयुक्त राष्ट्र तक पहुँच गया है। संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर एक व्यक्ति ने अपने आप को अंतिम मुग़ल सम्राट बहादुर शाह ज़फ़र का वंशज होने का दावा करते हुए औरंगज़ेब की समाधि की सुरक्षा की मांग की है। बता दें कि औरंगज़ेब की कब्र छत्रपति संभाजी नगर जिले के खुल्दाबाद क्षेत्र में स्थित है, जो पहले औरंगाबाद के नाम से जाना जाता था। औरंगज़ेब की कब्र को लेकर हाल ही में एक बड़ा विवाद उठ खड़ा हुआ है, जो पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है।
Aurangzeb Tomb Controversy: खुद को अंतिम मुग़ल सम्राट बहादुर शाह ज़फ़र का वंशज होने का दावा करने वाले याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने यह उल्लेख किया कि वे उस वक्फ संपत्ति के मुतवल्ली (देखभालकर्ता) हैं, जहाँ औरंगजेब की कब्र स्थित है। तुसी ने अपने पत्र में बताया कि इस कब्र को ‘राष्ट्रीय महत्व का स्मारक’ घोषित किया गया है और यह प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित किया गया है।
Aurangzeb Tomb Controversy: सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की मांग बहादुर शाह जफर के वंशज ने अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रावधानों का उल्लेख करते हुए उनकी सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की मांग की है। उन्होंने पत्र में यह कहा कि फिल्मों, मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिसके कारण लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है और इसके परिणामस्वरूप अनुचित विरोध उत्पन्न हो रहा है।
Aurangzeb Tomb Controversy: तुसी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्यालय से इस मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया है। उन्होंने केंद्र सरकार और एएसआई से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि औरंगजेब की कब्र को “राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप पूरी कानूनी सुरक्षा, सुरक्षा और संरक्षण” प्रदान किया जाए।