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UP News: एआई आधारित सड़क सुरक्षा परियोजना, यूपी बना देश का पहला राज्य, नागरिकों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

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UP News: लखनऊ : उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित सड़क सुरक्षा परियोजना के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) से औपचारिक अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मिला है। इस पायलट परियोजना को 10 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू किया जाएगा, जिसका क्रियान्वयन आईटीआई और एमलॉगिका शून्य लागत पर करेंगे।


यह परियोजना सड़क हादसों को कम करने और परिवहन सेवाओं को हाईटेक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि इस परियोजना के तहत दुर्घटना रिपोर्ट, मौसम, वाहन टेलीमैटिक्स, ड्राइवर प्रोफाइल और सड़क ढांचे से संबंधित डेटा को एकीकृत कर एआई मॉडल तैयार किए जाएंगे। इससे सड़क हादसों के मूल कारणों और ब्लैक स्पॉट्स की पहचान आसानी से हो सकेगी। साथ ही, रीयल-टाइम पॉलिसी डैशबोर्ड के जरिए नीतिगत निर्णय लेना भी संभव होगा।


इस परियोजना का प्रारंभिक प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट चरण छह सप्ताह का होगा। इस दौरान डेटा संग्रह और विश्लेषण के आधार पर एआई मॉडल विकसित किया जाएगा। परियोजना के सफल होने पर इसे फेसलेस लाइसेंस-परमिट प्रणाली, प्रवर्तन आधुनिकीकरण, ई-चालान, राजस्व वसूली और वाहन सारथी प्लेटफॉर्म जैसी प्रमुख सेवाओं में लागू किया जाएगा। परिवहन आयुक्त ने बताया कि परियोजना पूरी होने पर विस्तृत परिणाम रिपोर्ट मोर्थ को सौंपी जाएगी।


परियोजना की सफलता के बाद परिवहन विभाग की अन्य डिजिटल सेवाओं को भी एआई से लैस किया जाएगा। फेसलेस ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट प्रक्रिया में एआई के जरिए आवेदनों की स्वीकृति और प्रिंटिंग को स्वचालित किया जाएगा। साथ ही, प्रवर्तन प्रक्रिया में धोखाधड़ी की तत्काल पहचान, वाहनों की लोकेशन ट्रैकिंग, ऑन-स्पॉट कार्रवाई और ई-चालान वसूली में भी एआई का उपयोग होगा। एकीकृत डैशबोर्ड के माध्यम से आय, उल्लंघन और दस्तावेजों की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध होगी, जिससे परिवहन सेवाएं पहले से कहीं अधिक पारदर्शी और तेज होंगी।


परिवहन आयुक्त के अनुसार, इस परियोजना से प्रदेश के 5 करोड़ वाहनों और 3 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस धारकों को लाभ होगा। यह परियोजना सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने, नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ाने और विभाग को डेटा-संचालित निर्णय लेने में सक्षम बनाएगी। भविष्य में एआई मॉडल को परिवहन विभाग के अन्य कार्यों में भी लागू किया जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश परिवहन तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बन सकेगा।


यह परियोजना उत्तर प्रदेश को सड़क सुरक्षा और परिवहन सेवाओं में तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल बनाएगी। नागरिकों को तेज, पारदर्शी और सुरक्षित सेवाएं प्रदान करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

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