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आरटीआई खुलासा: कुम्हारी टोल प्लाजा से चार साल में ₹86 करोड़ की वसूली, लेकिन सड़क की हालत बदहाल

रायपुर के कुम्हारी टोल प्लाजा से चार वर्षों में ₹86 करोड़ की वसूली का खुलासा, सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने सड़कों की खराब स्थिति और नागरिकों की समस्याओं को उजागर किया।

रायपुर: सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला द्वारा दाखिल की गई आरटीआई से यह खुलासा हुआ है कि रायपुर के कुम्हारी टोल प्लाजा से पिछले चार वर्षों में ट्रक, कार और बसों से ₹86 करोड़ से अधिक की वसूली की गई है। हालांकि, शुक्ला ने सड़कों की दयनीय स्थिति पर सवाल उठाए हैं, जहां गड्ढे, धूल और खराब रखरखाव जैसे गंभीर मुद्दे नागरिकों के सामने हैं।


टोल वसूली बनाम सड़क रखरखाव

शुक्ला ने टोल वसूली के फंड के उपयोग पर सवाल उठाते हुए कहा, "सड़कों के रखरखाव पर कितना खर्च किया गया है, यह उनकी खराब स्थिति से साफ पता चलता है। करोड़ों की वसूली के बावजूद, नागरिकों को घटिया सड़कें और धूलभरी यात्रा का सामना करना पड़ता है।"


पारदर्शिता की मांग

शुक्ला ने यह भी बताया कि उन्होंने सरकार से कुम्हारी टोल प्लाजा के एग्रीमेंट की मांग की है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, "इस एग्रीमेंट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।"


नागरिकों की चिंता

इस खुलासे ने नागरिकों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि भारी भरकम टोल वसूली और बुनियादी सड़क सुविधाओं की कमी के बीच यह बड़ा अंतर क्यों है। अब नागरिक बेहतर जवाबदेही और सड़क रखरखाव में सुधार की मांग कर रहे हैं।


सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में प्रसिद्ध कुणाल शुक्ला ने यह संकल्प लिया है कि वह तब तक इस मुद्दे को उठाते रहेंगे, जब तक सरकार टोल प्लाजा एग्रीमेंट पर स्पष्टता नहीं देती और वसूले गए फंड का उचित उपयोग सुनिश्चित नहीं करती। कुम्हारी टोल प्लाजा का मामला सार्वजनिक अवसंरचना परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को उजागर करता है। यह सवाल उठाता है कि टोल राजस्व का उपयोग कैसे और कहां किया जा रहा है।








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