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MP News : RGPV में फिर रैगिंग का मामला, सीनियर्स ने जूनियर्स को मुंह बांधकर बेरहमी से पीटा, 3 घायल, CCTV से जांच शुरू

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सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

MP News : भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) एक बार फिर रैगिंग की शर्मनाक घटना से चर्चा में है। विश्वविद्यालय के हॉस्टल में सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों पर बर्बर हमला किया, जिसमें तीन छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। हमलावरों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए मुंह पर कपड़ा बांधा और लाठियों व मुक्कों से जूनियर्स की बेरहमी से पिटाई की। विश्वविद्यालय प्रशासन ने घटना को गंभीरता से लिया है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।


हॉस्टल में वर्चस्व की जंग-

प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह हमला हॉस्टल में वर्चस्व स्थापित करने के मकसद से किया गया। पीड़ित जूनियर छात्रों ने बताया कि सीनियर्स ने पहले उन्हें धमकियां दीं और फिर अचानक हमला बोल दिया। सीनियर्स ने अपने चेहरे ढक रखे थे ताकि उनकी शिनाख्त न हो सके। संख्या में अधिक होने के कारण जूनियर्स विरोध नहीं कर सके और हमले में तीन छात्रों को गंभीर चोटें आईं। एक छात्र के सिर पर गहरी चोट लगी, जबकि दो अन्य के हाथ-पैरों पर चोटें आईं। दो घायल छात्रों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।


विश्वविद्यालय प्रशासन सख्त-

घटना की शिकायत पीड़ितों ने विश्वविद्यालय के एंटी-रैगिंग सेल में दर्ज कराई। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि दोषी छात्रों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन और कानूनी कदम शामिल हो सकते हैं।


पहले भी बदनाम रहा है RGPV-

यह कोई पहला मामला नहीं है जब RGPV रैगिंग की घटनाओं के कारण सुर्खियों में आया हो। अगस्त 2025 में हॉस्टल में हुई मारपीट के बाद दो छात्रों को छह महीने के लिए निलंबित किया गया था। इसके अलावा, अप्रैल 2025 में भी चार सीनियर छात्रों पर एक जूनियर की पिटाई के आरोप में कार्रवाई हुई थी। बार-बार ऐसी घटनाओं के बावजूद रैगिंग पर पूरी तरह रोक न लग पाना विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है।


छात्रों में डर का माहौल-

इस घटना ने हॉस्टल में रहने वाले जूनियर छात्रों के बीच डर का माहौल पैदा कर दिया है। कई छात्रों ने बताया कि सीनियर्स का दबदबा और धमकियां उनकी पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं। अभिभावकों ने भी विश्वविद्यालय से रैगिंग पर सख्ती बरतने और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने की मांग की है।

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