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मोहन कैबिनेट की 11 केवी फीडर्स सोलराइज करने को हरीझंडी, प्रदेश को शत प्रतिशत सिंचित करने बनेगा प्लान, शिप्रा के किनारा तैयार होगा 29 किमी घाट

मोहन कैबिनेट

भोपाल। राजधानी भोपाल के मंत्रालय स्थित वल्लभ भवन में आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में साल की आखिरी कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। साथ ही, कैबिनेट ने वीर बाल दिवस मनाने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी और बताया कि जल परियोजनाओं, अटल जी के नाम पर ग्रामीण सदनों, वीर बाल दिवस और किसानों को बोनस जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।


उन्होंने बताया कि कैबिनेट बैठक में केन-बेतवा लिंक परियोजना और काली-सिंध-पार्वती-चंबल नदी परियोजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। विजयवर्गीय ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के मौके पर हर ग्राम पंचायत में 'अटल ग्रामीण सेवा सदन' बनाने का निर्णय लिया गया है, जहां ग्रामीण अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकेंगे और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बिजली की डिमांड को कम करने के लिए 11 केवी फीडर्स को सोलराइज करने का भी फैसला लिया, जिससे किसानों को ठंड के मौसम में भी पर्याप्त बिजली मिल सकेगी। इसके अलावा, सरकार ने प्रदेश के सभी क्षेत्रों को शत प्रतिशत सिंचित बनाने के लिए योजना बनाई है, जिसके तहत प्राइवेट सेक्टर को भी निवेश करने की अनुमति दी जाएगी।भारत सरकार की ओर से प्रति मेगावाट एक करोड़ की सहायता दी जाएगी। इस काम में प्रति मेगावाट 4 करोड़ का खर्च आएगा। योजना में सौ फीसदी लोन मिल जाता है। इसके लिए अधिकारियों को प्लान बनाने के निर्देश दिए गए हैं।


फिलहाल किसानों की डिमांड को देखते हुए 11 केवी फीडर्स को सोलराइज किया जाएगा। इन्हें सोलर प्लांट से जोड़ना है। इसके बाद किसानों को दिन में भी पर्याप्त बिजली दी जा सकेगी। साथ ही कार्बन क्रेडिट का लाभ प्रदेश को मिल सके। इस पर भी काम कर रहे हैं। विजयवर्गीय ने बताया कि पार्वती कालीसिंध चंबल नदी जोड़ो परियोजना से 13 जिलों को लाभ होगा और 6.13 लाख हेक्टेयर में नई सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। इसके अलावा, केन-बेतवा और अन्य संबंधित परियोजनाओं को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, जिससे जल स्रोतों का बेहतर उपयोग होगा। कैबिनेट बैठक में उज्जैन के सिंहस्थ की तैयारियों के मद्देनजर शिप्रा नदी के किनारे 29 किमी का घाट बनाने का निर्णय भी लिया गया।


इसके साथ ही, आदिवासी क्षेत्रों में समेकित योजनाओं के तहत पंचायत भवन और आंगनबाड़ी स्कूल भवन का पंजीयन करने की योजना बनाई गई। महंगाई सूचकांक के अनुसार पॉलिटेक्निक और यूनानी कॉलेज के डॉक्टर्स को इंटर्नशिप में बढ़ोतरी करने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन करने की योजना भी बनाई गई, जिससे लोगों को प्रमाण पत्र प्राप्त करने में आसानी हो। इस कैबिनेट बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि मोहन सरकार के एक साल पूरा होने पर प्रदेश के 70 फीसदी जिलों में जन कल्याण शिविर लगाए गए, जिसमें उज्जैन में 94 हजार फॉर्म योजनाओं के लिए प्राप्त हुए हैं।

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