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एमपी बीजेपी में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कवायद, डिप्टी सीएम की पीएम से मुलाकात के बाद रोचक हुई जंग

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल

भोपाल। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया होनी है। इसके लिए कई दावेदार दिल्ली में अपने आकाओं से मिलकर अपने लिए जुगाड़ बनाने में लगे हुए हैं। हालांकि यही नेता भोपाल में अपने नाम को दौड़ से बाहर भी बता रहे है। उसी बीच प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फिर केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने की खबर के बाद से सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। अभी तक प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में हेमंत खण्डेलवाल, डॉ. नरोत्तम मिश्रा, फग्गन सिंह कुलस्ते, सुमेर सिंह सोलंकी, गजेन्द्र पटेल, अरविंद भदौरिया, लाल सिंह आर्य के साथ ही कुछ महिला नेत्रियों जिनमें सागर से सांसद डॉ. लता वानखेडे, शहडोल से सासंद हिमांद्री सिंह, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार एवं विधायक अर्चना चिटनीस के नाम चर्चा में रहे है।


हालांकि यह सभी अपने को इस दौड़ में शामिल न होने की बात करते रहे है। वही उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल के प्रधानमंत्री से मुलाकात करने की खबर के बाद अब राजनीतिक जानकार शुक्ल को प्रदेश अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार मान रहे है। बैतूल से विधायक हेमंत खण्डेलवाल के नाम पर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के अलावा संघ और पार्टी के कई नेता तैयार बताए जाते हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी आलाकमान प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ऐसे व्यक्ति को बैठाने के मूड में है, जो सभी को साथ लेकर चल सके और सभी उसके नाम पर सहमत हो सके। दूसरी और चुनावी निर्णय की बात करें तो प्रदेश में अभी दो वर्ष तक कोई चुनाव नहीं होने है। दो वर्ष बाद नगर-निगम एवं नगर पालिका के चुनाव होंगे।


आदिवासी वर्ग से फग्गन और सुमेर प्रबल दावेदार, महिला की बात आई तो हिमांद्री

प्रदेश में आदिवासी वोटरों को साधने के लिए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के लिए आदिवासी वर्ग के किसी नेता पर दांव खेल सकती है। इसके लिए सबसे पहला नाम पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वर्तमान में मंडला से सांसद फग्गन सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे है हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी पराजय इसमें रोड़ा अटका सकती हैं। सुमेर सिंह सोलंकी भी इसी वर्ग से आते है। पढ़े-लिखे और युवा है। संघ की पंसद भी माने जाते है। अगर संघ की पंसद पर विचार किया गया तो सुमेर भी दावेदार हैं। वही अगर इस वर्ग से किसी महिला के नाम पर पार्टी मंथन करती है तो शहडोल से दो बार की सांसद हिमांद्री सिंह के नाम पर पार्टी आलाकमान सहमत हो सकता है। वैसे भी नंदकुमार साय के बाद से प्रदेश में किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया है।

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