केंद्रीय बजट विकास के साथ गरीबी को घटाकर शून्य तक ले जाने का कार्य करेगा- विनोद तावडे

- Rohit banchhor
- 16 Feb, 2025
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए पांच लक्ष्य सामने रखकर यह बजट बनाया गया है।
MP News : भोपाल/ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025-26 को लेकर रविवार को ग्वालियर में आयोजित पत्रकार-वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सतत विकास गोल (एसडीजी) के मानकों को ध्यान में रखकर विश्व स्तर पर भारत को आगे ले जाने के लिए गरीबी को घटाकर शून्य तक ले जाने का प्रयास इस बजट में किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए पांच लक्ष्य सामने रखकर यह बजट बनाया गया है।
MP News : बजट में 100 प्रतिशत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, श्रम शक्ति को और अधिक स्किल्ड बनाना, भारत के किसानों के माध्यम से देश को फूड बॉस्केट के रूप में विकसित करने और आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने जैसे पांच लक्ष्यों को ध्यान में रखकर यह बजट प्रस्तुत किया गया है। इन सभी पांचों लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ हर वर्ग-समाज के कल्याण, विकास व आर्थिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर बजट में हर क्षेत्र के लिए प्रावधान किए गए हैं। यह बजट 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
MP News : विनोद तावडे ने कहा कि टैक्स स्लैब में दी गई छूट से मध्यम वर्ग को बहुत फायदा मिलेगा। टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 12 लाख से अधिक करने के साथ वरिष्ठ नागरिकों को भी छूट मिली है। केंद्रीय बजट में वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज पर या किराये पर टीडीएस के लिए निर्धारित वार्षिक सीमा दो लाख 40 हजार के बढ़ाकर छह लाख किया गया है। इस प्रावधान से देश के करोड़ों वरिष्ठ नागरिकों को फायदा होगा। किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना का देश के कई लाख किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।
MP News : किसानों की आय बढ़ाने और खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए किसान क्रडिट कार्ड (केसीसी) किसानों के लिए वरदान बन रहा है। इस बजट में किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रावधान का मध्यप्रदेश के लाखों किसानों के साथ देश के करोड़ों किसानों को फायदा मिलेगा। इसका फायदा यह होगा, कि किसान अपने खेत में जो फसल उगाएंगे उसे आसानी से बाजार तक पहंचाया जा सकेगा।