मकबूल फिदा हुसैन की ‘ग्राम यात्रा’ ने तोड़ा रिकॉर्ड, पेंटिंग ₹118.7 करोड़ में नीलाम

नई दिल्ली: न्यूयॉर्क में क्रिस्टीज की दक्षिण एशियाई आधुनिक और समकालीन कला नीलामी में बुधवार को मकबूल फिदा हुसैन की पेंटिंग ‘अनटाइटल्ड (ग्राम यात्रा)’ ने इतिहास रच दिया। यह पेंटिंग ₹118.7 करोड़ ($13.75 मिलियन) में बिकी, जो पिछले रिकॉर्ड से दोगुना है। सितंबर 2023 में अमृता शेरगिल की ‘द स्टोरी टेलर’ ₹61.8 करोड़ में बिकी थी।
रॉकफेलर सेंटर में नीलामी के दौरान इस घोषणा पर तालियों की गूंज उठी। पेंटिंग को एक अज्ञात संस्थान ने खरीदा। क्रिस्टीज की प्रमुख निषाद अवरी ने इसे दक्षिण एशियाई कला बाजार का ऐतिहासिक क्षण बताया। हुसैन का पिछला रिकॉर्ड ₹26.8 करोड़ का था, जो ‘अनटाइटल्ड (रीइन्कार्नेशन)’ के लिए लंदन में बना था।
‘ग्राम यात्रा’ की कला और प्रतीक
1954 में बनी यह 14 फीट लंबी पेंटिंग भारतीय ग्रामीण जीवन को 13 दृश्यों में जीवंत करती है। केंद्र में बैलगाड़ी पर सवार दंपति कृषि जड़ों को दर्शाते हैं, जबकि गायों का दूध निकालती और अनाज पीसती महिलाएं उर्वरता और सृजन का प्रतीक हैं। एक प्रभावशाली दृश्य में किसान भूमि को उठाए हुए है, जो स्वतंत्रता के बाद भारत की आत्मनिर्भरता को चित्रित करता है।
पेंटिंग का अनोखा सफर
‘ग्राम यात्रा’ 1954 में भारत से नॉर्वे पहुंची और दशकों तक गुमनामी में रही। इसे यूक्रेनी-नॉर्वेजियन डॉक्टर लियोन वोलोडार्स्की ने खरीदा, जो WHO के लिए दिल्ली में काम कर रहे थे। 1964 में उन्होंने इसे ओस्लो यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल को दान किया। नीलामी की राशि अब डॉक्टरों के प्रशिक्षण में लगेगी।
वैश्विक प्रभाव का संगम
हुसैन की यह कृति यूरोपीय और पूर्वी एशियाई प्रभावों को भारतीय परंपरा के साथ जोड़ती है। 1952 में चीन यात्रा के दौरान सू बेईहोंग और ची बैशी से प्रेरणा ली, वहीं 1953 में यूरोप में पिकासो और मैटिस से प्रभावित हुए। कला इतिहासकार इसे उनकी वैश्विक सोच का नमूना मानते हैं।
दक्षिण एशियाई कला का प्रतीक
अवरी के अनुसार, ‘ग्राम यात्रा’ आधुनिक दक्षिण एशियाई कला की पहचान है, जो परंपरा और नवाचार का अनूठा मेल प्रस्तुत करती है।