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Fast Tag Rules : 1 अप्रैल से फास्ट टैग के नियमों में होगा बड़ा बदलाव, जानें किस पर पड़ेगा असर...


- Rohit banchhor
- 22 Mar, 2025
1 अप्रैल 2025 से राज्य के सभी टोल प्लाजा पर फास्ट टैग को पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया जाएगा।
Fast Tag Rules : नई दिल्ली। महाराष्ट्र में वाहन चालकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। 1 अप्रैल 2025 से राज्य के सभी टोल प्लाजा पर फास्ट टैग को पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया जाएगा। यह फैसला सड़क एवं परिवहन मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार ने मिलकर लिया है, जिसका मकसद टोल संचालन को तेज, पारदर्शी और कैशलेस बनाना है। इस बदलाव का सीधा असर उन लाखों वाहन चालकों पर पड़ेगा जो रोजाना टोल प्लाजा से गुजरते हैं। तो आइए जानते हैं कि इस नए नियम में क्या खास है और यह आपकी जेब और सफर को कैसे प्रभावित करेगा।
Fast Tag Rules : बता दें कि नए नियम के तहत, 1 अप्रैल 2025 से महाराष्ट्र के सभी टोल प्लाजा पर नकद, क्रेडिट/डेबिट कार्ड या यूपीआई जैसे भुगतान के तरीकों को बंद कर दिया जाएगा। अब हर वाहन के लिए फास्ट टैग जरूरी होगा। अगर आपके वाहन पर फास्ट टैग नहीं होगा या यह काम नहीं करेगा, तो आपको दोगुना टोल शुल्क देना पड़ सकता है। यह कदम टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों को कम करने और समय की बचत के लिए उठाया गया है। सरकार का मानना है कि इससे ईंधन की खपत भी कम होगी और प्रदूषण पर लगाम लगेगी।
Fast Tag Rules : इन लोगों पर पड़ेगा खास असर-
बिना फास्ट टैग वाले वाहन चालक- जिनके पास अभी तक फास्ट टैग नहीं है, उन्हें जल्द से जल्द इसे लेना होगा। देरी करने पर भारी जुर्माना झेलना पड़ सकता है।
ग्रामीण और छोटे वाहन चालक- महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में कई लोग अभी भी नकद भुगतान पर निर्भर हैं। अब उन्हें डिजिटल सिस्टम अपनाने की चुनौती होगी।
कमर्शियल वाहन मालिक- ट्रक और बस चालकों को अपने सभी वाहनों के लिए फास्ट टैग सुनिश्चित करना होगा, वरना उनकी लागत बढ़ सकती है।
Fast Tag Rules : कुछ वाहनों को राहत-
हालांकि, सरकार ने कुछ खास वाहनों को इस नियम से छूट दी है। स्कूल बसें, हल्के मोटर वाहन और राज्य परिवहन की बसें मुंबई के पांच प्रमुख टोल नाकों - मुलुंड वेस्ट, मुलुंड ईस्ट, ऐरोली, दहिसर और वाशी पर फास्ट टैग से मुक्त रहेंगी। लेकिन बड़े हाईवे जैसे मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग पर यह नियम सख्ती से लागू होगा।
Fast Tag Rules : क्यों लिया गया यह फैसला?
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का कहना है कि यह कदम टोल संग्रह में पारदर्शिता लाने और असामाजिक तत्वों को हटाने के लिए जरूरी था। पहले नकद संग्रह में गड़बड़ी की शिकायतें आती थीं, लेकिन अब फास्ट टैग से रियल-टाइम डेटा मिलेगा, जिससे सरकार को सही आय का पता चलेगा। साथ ही, भीड़भाड़ कम होने से वाहन चालकों का सफर आसान और तेज होगा।
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