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शिकार और आपसी संघर्ष में कम हो रहा टाइगर स्टेट में बाघों का कुनबा, 1 साल में हुई 45 मौतें...

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प्रदेश में पिछली गणना के अनुसार 785 बाघ हैं। प्रदेश के वनक्षेत्रों में देश के सबसे ज्यादा बाघ हैं।

MP News : भोपाल। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है। लेकिन इसी टाइगर स्टेट में बाघों की मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं। टाइगर स्टेट मप्र के वनक्षेत्रों की मौत के आंकड़ों ने इस बार वन विभाग को भी चिंता में डाल दिया। इस साल प्रदेश के टाइगर रिजर्व और रिजर्व के बाहर अब तक 45 बाघों की मौत हो चुकी है। यह पहला मौका है, जब एक साल में इतनी ज्यादा संख्या में बाघों की मौत हुई। पिछले साल 43 बाघों की मौत प्रदेश में हुई थी। पूरे देश में अब तक 120 बाघों की मौत हुई है। इनमें 45 मप्र के हैं। प्रदेश में पिछली गणना के अनुसार 785 बाघ हैं। प्रदेश के वनक्षेत्रों में देश के सबसे ज्यादा बाघ हैं।


MP News : अब यहां टाइगर रिजर्व की संख्या भी सबसे ज्यादा हो गई है। प्रदेश में इस समय 8 टाइगर रिजर्व हैं। माधव नेशनल पार्क जल्द ही प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व बन जाएगा। बाघों की सुरक्षा के लिए टाइगर रिजर्व की संख्या प्रदेश में बढ़ाई जा रही है। इसके बाद भी मप्र में बाघों की मौत के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं। इस साल प्रदेश के वनों में 45 और टाइगर रिजर्व के भीतर 22 बाघों की मौत हो चुकी है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा 13 बाघों की मौत हुई है। बाघों की मौत की वजह आपसी संघर्ष और शिकार बताया जा रहा है। दरअसल प्रदेश में बाघों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन वनक्षेत्र अतिक्रमण और अवैध कटाई से कम हो रहा है।


MP News : इससे बाघों के लिए एरिया कम पड़ने लगा है। इस वजह से बाघों के बीच आपसी संघर्ष की घटनाएं बढ़ गईं। जिसके कारण से भी मौत के आंकड़े बढ़ गए। प्रदेश के टाइगर रिजर्व में अब टेरेटरी फाइट में भी बाघों की मौत हो रही है। कुछ टाइगर रिजर्व में बाघों से ज्यादा तेंदुआ की संख्या हो गई। इससे आपसी संघर्ष से बाघ और तेंदुआ की मौत हो रही है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इस साल 30 जनवरी को बाघ के शावक का शव मिला था। टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के मुताबिक टेरेटरी फाइट में बाघ शावक की मौत होने की आशंका है।


MP News : इसी साल 25 जनवरी को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर क्षेत्र में एक बाघिन का शव मिला था। बाघिन की मौत के मामले में आपसी संघर्ष की आशंका जताई गई थी। वहीं 24 जनवरी को उमरिया वन मंडल में ही एक कुएं में तेंदुआ का शव मिला था। शिकार की आशंका के चलते कुछ आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले इस जंगल में एक और तेंदुआ का शव मिला था। 17 जनवरी को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में शावक का शव मिला था।

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