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CG News : गर्मी की छुट्टियों पर संकट, स्कूलों में चलेंगी स्पेशल क्लास, फेल छात्रों के लिए पूरक परीक्षा का प्लान...

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डीपीआई ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

CG News : रायपुर। इस बार गर्मी की छुट्टियां शिक्षकों और छात्रों के लिए राहत की बजाय चुनौती बनकर आई हैं। लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने फैसला लिया है कि मई में शुरू होने वाली गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी स्कूलों में कक्षाएं चलेंगी। यह व्यवस्था खास तौर पर 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों के लिए की गई है, जिनके लिए विशेष कक्षाएं और पूरक परीक्षाएं आयोजित होंगी। डीपीआई ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।


CG News : मई में स्पेशल क्लास, जून में पूरक परीक्षा-
निर्देशों के मुताबिक 1 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू होने के बावजूद 5वीं और 8वीं के कमजोर और फेल छात्रों के लिए मई माह में विशेष कक्षाएं चलेंगी। इन कक्षाओं में विषय विशेषज्ञ शिक्षक छात्रों को अतिरिक्त शैक्षणिक सहायता देंगे। वहीं, 1 जून से इन छात्रों के लिए पूरक परीक्षाएं शुरू होंगी, ताकि वे अगली कक्षा में प्रमोट हो सकें। परीक्षा परिणाम 30 अप्रैल तक घोषित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए मूल्यांकन कार्य 15 अप्रैल तक पूरा करना अनिवार्य है।


CG News : मूल्यांकन और परिणाम की समय-सारिणी-
5वीं कक्षा का मूल्यांकन 30 मार्च से और 8वीं कक्षा का 4 अप्रैल से शुरू हो चुका है। 15 अप्रैल तक मूल्यांकन पूरा कर 25 अप्रैल तक अंकसूचियां तैयार की जाएंगी। 28 अप्रैल तक ये अंकसूचियां विकासखंड शिक्षा कार्यालयों के जरिए स्कूलों में पहुंचा दी जाएंगी। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हर केंद्र पर एक मुख्य मूल्यांकनकर्ता 5% उत्तरपुस्तिकाओं की दोबारा जांच कर रहा है। मूल्यांकनकर्ताओं को प्रति कॉपी 2-3 रुपये, मुख्य मूल्यांकनकर्ता को 100 रुपये प्रतिदिन और केंद्राध्यक्ष को 150 रुपये प्रतिदिन मानदेय दिया जा रहा है।


CG News : शिक्षकों की छुट्टियों पर ग्रहण-
डीपीआई के इस फैसले से शिक्षकों की गर्मी की छुट्टियां प्रभावित होंगी। मई में विशेष कक्षाओं के लिए शिक्षकों को स्कूल बुलाया जाएगा, जिसका समय और स्थान जिला स्तर पर तय होगा। जनवरी में जारी समय-सारिणी में मुख्य और पूरक परीक्षाओं की तारीखें पहले ही तय की जा चुकी थीं। यह कदम छात्रों के शैक्षणिक नुकसान को कम करने के लिए उठाया गया है, लेकिन शिक्षकों के लिए यह अतिरिक्त जिम्मेदारी लेकर आया है।

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