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गोपाल नारायण एसईकेएमसी (इंटक) के रियल केंद्रीय अध्यक्ष , संपत व साथी संगठन से बाहर, साधारण सभा ने सर्व सम्मति से किया फैसला

गोपाल नारायण एसईकेएमसी

गोपाल नारायण एसईकेएमसी (इंटक) के रियल केंद्रीय अध्यक्ष , संपत व साथी संगठन से बाहर, साधारण सभा ने सर्व सम्मति से किया फैसला



गौरी शंकर गुप्ता/  घरघोड़ा: साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस (इंटक) संगठन को  जागीर समझना संपत शुक्ला को भारी पड़ा है , उसने विधि-विरुद्ध स्वयं को इंटक का केंद्रीय अध्यक्ष घोषित कर लिया था। इसके पूर्व उसने तीन दशक तक यूनियन के विभिन्न पदो पर रहते हुए कोई उल्लेखनीय कार्य नही किया था। जबकि संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने  कुशल संगठक के रूप में यूनियन को आगे ले जाने में पूरी ऊर्जा झोंक रखी है, उन्हें परिवार को भी इग्नोर करना पड़ा है। 


गौरतलब है कि जब कोयलांचल में श्रम संगठन को आई आर सिस्टम से चार वर्ष के लिये बेदखल किया गया था , उस दौरान अधिकारों के लिये गोपाल नारायण सिंह ने हाईकोर्ट तक की दौड़ लगाई थी और प्रबंधन ने पुनः संगठन को आईआर सिस्टम मे शामिल किया था। श्री सिंह ने चार साल में अनेकों बार कोयलांचल के तेरह क्षेत्रों का  दौरा कर लोगों को इंटक से जोड़कर उनका समर्थन हासिल किया और मौजूदा समय मे इंटक ने अन्य श्रम संगठनों की तुलना में मेम्बरशिप में अप्रत्याशित रूप से बढ़त ली है। 


दूसरी ओर सेवानिवृत्ति के पश्चात संपत शुक्ला संगठन को निजी जागीर समझते हुए गोपाल नारायण सिंह को ही असंवैधानिक तरीके से संगठन से हटाकर स्वयंभू केन्द्रीय अध्यक्ष बन बैठा। उसने सोशल मीडिया में भी इसे प्रचारित किया , जिसकी निंदा कोयलांचल के तेरह क्षेत्रों के इंटक के जिम्मेदार पदा- धिकारियों ने की , सभी ने गोपाल नारायण सिंह को ही केन्द्रीय अध्यक्ष माना और गत चार नवम्बर को कोरबा में साधारण सभा यानी जनरल काऊसिंल की बैठक आहूत कर तेरह क्षेत्रों के अधिकृत अध्यक्ष और महामंत्री ने संपत शुक्ला और उसके साथियों को संगठन से हमेशा के लिए बेदखल करने कहा  ; जिस पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर कुसमुंड़ा क्षेत्र से रमेश मिश्रा क्षेत्रीय अध्यक्ष , अब्दुल कमाल अंसारी महामंत्री और अमरजीत सिंह को संगठन विरोधी गतिविधियों मे संलिप्त पाये जाने पर हमेशा के लिए  बेदखल कर दिया।


केन्द्रीय अध्यक्ष के रुप में गोपाल नारायण सिंह को ही विधि सम्मत माना गया। केन्द्रीय महामंत्री प्रीतम नाथ पाठक , केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश शर्मा , कोषाध्यक्ष संदीप चौधरी के प्रति उपस्थित सदस्यों ने विश्वास जताते हुए हाथ उठाकर रजिस्टर में हस्ताक्षर कर कार्यवाही पूरी की। साधारण सभा के आरंभ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के तैल चित्र पर धूप दीप प्रज्ज्वलित कर समूह में वंदेमातरम् गीत गाया गया। सभा में सबसे पहले केन्द्रीय अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने संगठनात्मक गति विधियों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि संगठन की बैठक के लिये अध्यक्ष की अनुमति जरूरी होती है। 



संपत शुक्ला ने ऐसा न कर घोर अनुशास हीनता और मूर्खता पूर्ण कृत्य किया है । उन्होंने आगे बताया कि सभा बुलाने के लिये पन्द्रह दिन पहले पंजीयक रजिस्टार से अधिकृत जिम्मेदार पदाधिकारियों व सदस्यों तक रजिस्ट्री के माध्यम से परिपत्र भेजने का नियम है। बैठक की वैधता के लिये यह आवश्यक है। सभा को इंटक के वरिष्ठ नेता आर एस पाठक, सत्येंद्र पाल सिंह, राजू सलीम, रमेश कुशवाहा, रविन्द्र सिंह, अनिल कुशवाहा, गनपत चौहान,अनिल दुबे, प्रीतम नाथ पाठक और कमलेश शर्मा ने  संबोधित किया , सभी वक्ताओं ने संपत शुक्ला के संगठन विरोधी गतिविधियों की आलोचना करते हुए उसकी  निंदा की और केन्द्रीय अध्यक्ष के रूप में गोपाल नारायण सिंह के जुझारू नेतृत्व की सराहना की , सभी ने उनका समर्थन किया। 



कुसमुंड़ा क्षेत्र से राजू सोनी ने रमेश मिश्रा और अंसारी के द्वारा लम्बे समय से किये जा रहे मनमानी और तानाशाही पूर्ण रवैय्या की जानकारी देते हुए उन पर अनेक आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करते हुए ऐसा लगता था कि वे उनका निजी काम कर रहे है। सुभाष सिंह चिरमिरी, संदीप राय रजगामार, राजेन्द्र देव भटगांव,किशोर सिन्हा कोरबा,डी एल ग्वालवंशी रायगढ़, रामकुमार प्रजापति जोहिला, दिनेश सिंह गभेल बैकुंठपुर, गोपाल यादव गेवरा, गणेश प्रशाद कोरबा, जितेंद्र प्रशाद सिंह जमुना कोतमा, अनिल दुबे मुख्यालय बिलासपुर से सभी क्षेत्रों के अधिकृत पदाधिकारियों ने  विचार रखते हुए उनके संगठन विरोधी गतिविधियों के लिये संपत शुक्ला और रमेश चन्द्र मिश्रा अब्दुल कमाल अंसारी और अमर जीत को संगठन से निकाल बाहर किये जाने पर अपनी सहमति दी। 


बैठक  में पिछले निर्णय का अनुमोदन हाथ उठाकर किया गया। संपत शुक्ला को संगठन के सभी पदों से तथा रमेश मिश्रा, अंसारी व अमरजीत को संगठन से हटाने ध्वनि मत से पारित हुआ। संगठन मे सदस्यता राशि अन्य श्रम संगठनों के अनुपात मे कम राशि रखने की भी बात अधि संख्य सदस्यों ने रखी। मंच का संचालन भोज राम एवं आभार ब्यक्त संजय राय ने राष्ट्र गान के साथ किया।

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