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कच्ची उम्र में जुर्म की राह अपना रहे बच्चें, मामूली बात में हत्या तक कर रहे नाबालिग, चौंकाने वाला खुलासा...

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इनकी रोकथाम के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होंगे।

MP News : भोपाल। राजधानी भोपाल के लिहाज से यह खबर चिंताजनक है। क्योंकि बड़े अपराधियों के साथ अब भोपाल में छोटे नाबालिक बच्चे भी अपराधी बनते जा रहे हैं। राजधानी में पिछले 3 साल में 2588 नाबालिग अपराधों में लिप्त पाए गए। इनमें 327 ऐसे हैं, जिन पर हत्या, लूट, अपहरण, दुष्कर्म-पॉक्सो जैसी वारदातों के केस दर्ज हैं। इनमें 55 नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं। पुलिस के आंकड़े बता रहे हैं पिछले 3 साल में 83 नाबालिगों ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। 12 नाबालिग हत्या, 64 लूट, 38 हत्या का प्रयास और 69 नाबालिग छेड़‌छाड़-पॉक्सो जैसे संगीन अपराधों में लिप्त पाए गए।


MP News : मारपीट में 1408 और चोरी करने में 428 नाबालिग पकड़े गए। 2024 के 10 महीनों (जनवरी से अक्टूबर) में 708 नाबालिगों पर केस दर्ज हुए हैं। 2023 में 959 और 2022 में 921 नाबालिग अपराध में लिप्त पाए गए थे। यह बात सिर्फ भोपाल तक ही सीमित नहीं है अगर हम मध्य प्रदेश का आंकड़ा उठा कर देखें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि पूरे प्रदेश में मोबाइल और नशे की लत बच्चों को अपराधी बनने पर मजबूर कर रही है। प्रदेश के कई जिलों में नाबालिकों द्वारा हत्या दुष्कर्म और रेप करने की घटनाएं करने की वारदाते बीते दिनों में सामने आ चुकी है।


MP News : भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र का मानना है कि अपराधों के खिलाफ नाबालिगों को जागरूक करने के लिए स्कूलों में लगातार जागरूकता कार्यक्रम किए जाते हैं। पुलिस का प्रयास रहता है कि इसमें नाबालिगों के अभिभावक भी शामिल हों। साझा प्रयास से ही स्थिति बदली जा सकती है।


MP News : एक्सपर्ट व्यू-सोशल मीडिया, नशा आपराधिक प्रवृत्ति बढ़ा रहा-

1. शहरों में अधिकतर पैरेंट्स वर्किंग हैं, जो बच्चों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। दिखावे की होड़ भी बच्चों को इस ओर ले जा रही है। जैसे मेरे दोस्त के पास बाइक है, मुझे भी वैसी ही चाहिए। ऐसे मामलों में मनोदशा समझकर बेहतर प्रयास किए जा सकते हैं।

2. सोशल मीडिया भी नाबालिगों में आपराधिक प्रवृत्ति बढ़ा रहा है। जिस तरह का कंटेंट इस पर उन्हें मिल रहा है। वो ज्यादा खतरनाक है। इस उम्र में नाबालिग नकारात्मक चीजों की ओर आकर्षित होते हैं।

3. उन्हें आसानी से शराब, सिगरेट सहित कई चीजें मिल रही हैं। इनकी रोकथाम के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होंगे।


-डॉ. जेपी अग्रवाल, एचओडी,मनोचिकित्सा विभाग, हमीदिया हॉस्पिटल

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