CG News : CM साय ने दृष्टि-श्रवण बाधित बच्चों के लिए निःशुल्क बस सेवा का किया शुभारंभ...

- Rohit banchhor
- 01 May, 2025
ये बसें डे-स्कॉलर विशेष बच्चों को निःशुल्क घर से स्कूल और स्कूल से घर तक सुरक्षित परिवहन सुविधा प्रदान करेंगी।
CG News : रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दृष्टि और श्रवण बाधित बच्चों के लिए शिक्षा को और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गुरुवार को अपने निवास परिसर से उन्होंने रायपुर और बिलासपुर के शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधित विद्यालयों के लिए दो विशेष बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये बसें डे-स्कॉलर विशेष बच्चों को निःशुल्क घर से स्कूल और स्कूल से घर तक सुरक्षित परिवहन सुविधा प्रदान करेंगी।
CG News : मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा, "यह बस सेवा केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि विशेष बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम है। यह सुविधा उनके सुरक्षित और सुगम आवागमन को सुनिश्चित करेगी, जिससे उनकी शिक्षा की निरंतरता बनी रहेगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पहल विशेष बच्चों के सामाजिक समावेश को मजबूत करेगी और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने में मदद करेगी।
CG News : CM साय ने बताया कि यह सुविधा उन माता-पिता के लिए भी बड़ी राहत लेकर आएगी, जो अपने बच्चों की दैनिक आवाजाही को लेकर चिंतित रहते हैं, खासकर जब दोनों अभिभावक नौकरीपेशा हों। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार का संकल्प है कि हर विशेष आवश्यकता वाले बच्चे तक पहुंच सुनिश्चित हो और उन्हें बेहतर जीवन के लिए सभी जरूरी सुविधाएं मिलें।"
CG News : मुख्यमंत्री ने इस मौके पर दोहराया कि शिक्षा तक पहुंच हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा, "हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शारीरिक बाधाएं किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित न करें।" इन विशेष बसों के संचालन से रायपुर और बिलासपुर के सैकड़ों दृष्टि एवं श्रवण बाधित बच्चे सम्मानजनक और सुरक्षित तरीके से स्कूल पहुंच सकेंगे, जिससे वे मुख्यधारा की शिक्षा से सहजता से जुड़ सकेंगे।
CG News : इस शुभारंभ के अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक भूलन सिंह मरावी और समाज कल्याण विभाग की संचालक रोक्तिमा यादव सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद थे। इस पहल को विशेष बच्चों के कल्याण और समावेशी शिक्षा की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।