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Hema Committee Report 2024: मलयालम फिल्म इंडस्‍ट्री में यौन उत्पीड़न मामले पर पहली गिरफ्तारी, 2 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके फेमस निर्देशक को पुलिस ने किया अरेस्ट

Hema Committee Report 2024: मलयालम फिल्म इंडस्‍ट्री में महिला अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न मामले पर  हेमा समिति की जांच रिपोर्ट में

Hema Committee Report 2024: मलयालम फिल्म इंडस्‍ट्री में महिला अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न मामले पर हेमा समिति की जांच रिपोर्ट में

कोल्लम(केरल)। Hema Committee Report 2024: मलयालम फिल्म इंडस्‍ट्री में महिला अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न मामले पर  हेमा समिति की जांच रिपोर्ट में पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है। स्थानीय पुलिस ने निर्देशक वीके. प्रकाश को गिरफ्तार किया, लेकिन निर्देशक को जल्द ही जमानत पर रिहा कर दिया गया, क्योंकि उन्हें इस महीने की शुरुआत में केरल उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई थी।

Hema Committee Report 2024: बता दें कि 29 अगस्त को कोल्लम पल्लीथोट्टम पुलिस ने एक युवा महिला लेखिका की शिकायत के आधार पर अभिनेता-निर्देशक प्रकाश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के तहत मामला दर्ज किया। लेखिका द्वारा शिकायत दर्ज किए जाने के तुरंत बाद, प्रकाश ने केरल उच्च न्यायालय का रुख किया, जहां से उन्‍हें अग्रिम जमानत दे दी गई। प्रकाश दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके हैं और उनके नाम ‘त्रिवेंद्रम लॉज’ (2012), ‘निर्णयकम’ (2015) ‘ओरुथी’ (2022) जैसी सफल फिल्में हैं।

Hema Committee Report 2024: हेमा समिति की रिपोर्ट आने के बाद मलयालम फिल्म इंडस्‍ट्री में हलचल हो गई। कुछ पूर्व अभिनेत्रियों ने अपने बुरे अनुभवों का खुलासा किया और पुलिस ने तुरंत मामलों पर कार्रवाई की। पुलिस ने अब तक विभिन्न फिल्मी हस्तियों के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज की है, क्योंकि पूर्व अभिनेत्रियों ने मीडिया के सामने खुलासा किया है कि किस तरह उनका शोषण किया गया।

Hema Committee Report 2024: फिलहाल जो लोग आरोपी हैं, उनमें अभिनेता से माकपा विधायक बने मुकेश माधवन, निविन पॉली, सिद्दीकी, जयसूर्या, एडावेला बाबू, मनियानपिल्ला राजू, निर्देशक रंजीत और प्रकाश तथा प्रोडक्शन एक्जीक्यूटिव विचू और नोबल शामिल हैं। मुकेश, रंजीत, राजू और कुछ अन्य लोगों को पहले ही अदालतों से गिरफ्तारी से राहत मिल चुकी है।

Hema Committee Report 2024: संयोग से प्रकाश की यह गिरफ्तारी और बाद में जमानत पर रिहाई ऐसे समय हुई है, जब हेमा समिति की रिपोर्ट की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल ने पाया है कि मामले में लगभग 20 एफआईआर दर्ज की जा सकती हैं।

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