Gupt Navratri 2025 : माघ गुप्त नवरात्रि कल से, जानें घटस्थापना मुहूर्त, पूजन विधि, मंत्र और महत्व
- Rohit banchhor
- 29 Jan, 2025
इस अवसर पर मां दुर्गा की आराधना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है।
Gupt Navratri 2025 : नई दिल्ली। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है, जिसे शक्ति साधना और मां दुर्गा की आराधना का पर्व माना जाता है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है, जिसमें दो गुप्त और दो प्रत्यक्ष नवरात्रि होती हैं। माघ मास में मनाई जाने वाली गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ 30 जनवरी 2025 से होगा और इसका समापन 7 फरवरी 2025 को होगा। इस दौरान साधक मां दुर्गा के 10 महाविद्या रूपों की साधना करते हैं। गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तंत्र साधना, आध्यात्मिक उन्नति और विशेष सिद्धियों की प्राप्ति के लिए की जाती है।
Gupt Navratri 2025 : इस वर्ष घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 30 जनवरी को सुबह 09:25 से 10:46 बजे तक रहेगा, जबकि अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:13 से 12:56 बजे तक रहेगा। इस दौरान भक्तजन मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करेंगे। पूजा विधि के अनुसार, स्नान के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें, कलश स्थापना करें, धूप-दीप जलाकर मां को चुनरी, फूल, नारियल, फल और पंचमेवा अर्पित करें। इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और गुप्त नवरात्रि व्रत का संकल्प लें। नवमी तिथि को कन्या पूजन कर व्रत का समापन करें।
Gupt Navratri 2025 : गुप्त नवरात्रि में प्रयोग की जाने वाली पूजन सामग्री में सिंदूर, कुमकुम, धूप, दीप, चूड़ियां, जौ, हवन सामग्री, फल-फूल और घी शामिल हैं। इस दौरान ॐ दुं दुर्गायै नमः और सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते। जैसे मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में गुप्त रूप से की गई मां दुर्गा की उपासना से त्वरित फल मिलता है। साधक की मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं और शक्ति, आध्यात्मिक उन्नति एवं सिद्धियों की प्राप्ति होती है। यह नवरात्रि उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है, जो गुप्त साधना, मंत्र सिद्धि और विशेष आध्यात्मिक क्रियाओं को करना चाहते हैं। इस अवसर पर मां दुर्गा की आराधना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है।

