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Earthquake strikes in Myanmar: म्यांमार में भूकंप के जोरदार झटके, भारत के पूर्वोतर से लेकर बैंकॉक तक डोली धरती,बाहर छलकने लगा स्विमिंग पूल का पानी

Earthquake strikes in Myanmar: Strong tremors of earthquake in Myanmar, earth shook from northeast India to Bangkok, swimming pool water started spilling out

Earthquake strikes in Myanmar: भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में शुक्रवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप इतना तेज था कि इसका असर भारत के कई राज्यों तक महसूस किया गया है। भारत में दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश समेत कई

 नई दिल्ली। Earthquake strikes in Myanmar: भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में शुक्रवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप इतना तेज था कि इसका असर भारत के कई राज्यों तक महसूस किया गया है। भारत में दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। खासतौर पर पूर्वोत्तर के राज्यों मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम और नागालैंड में तेज झटके आए हैं। फिलहाल किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।


Earthquake strikes in Myanmar: म्यांमार और भारत के अलावा बैंकॉक में भी 6.2 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। म्यांमार में पहली बार 11:52 पर आया था और फिर 12:02 पर भी भूकंप महसूस किया गया। इस तरह एक के बाद एक दो झटके लगे हैं। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज के मुताबिक भूकंप का केंद्र धरती के 10 किलोमीटर नीचे था। बैंकॉक के प्रशासन का कहना है कि भूकंप इतना जोरदार था कि स्विमिंग पूल का पानी बाहर छलकने लगा। डर के मारे लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र म्यांमार में मनडाले शहर के पास बताया गया है।


Earthquake strikes in Myanmar: दिल्ली एनसीआर में महसूस हुए भूकंप के झटके


म्यांमार में भूकंप की तीव्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में भी झटके महसूस किए गए। नोएडा और गोजियाबाद में भी लोग घरों से बाहर निकल आए। वहीं पूर्वोत्तर के राज्यों में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए। पूर्वोत्तर में म्यांमार की सीमा अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर से मिलती है।


Earthquake strikes in Myanmar: पूर्वोत्तर भारत और हिमालय के साथ संबंध


बता दें कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, जैसे असम और नागालैंड, हिमालयी टकराव क्षेत्र और इंडो-बर्मा सबडक्शन क्षेत्र के जंक्शन पर स्थित हैं, जिसे असम सिंटैक्सिस के रूप में जाना जाता है। यह क्षेत्र उत्तर-दक्षिण संपीड़न और पूर्व-पश्चिम संपीड़न दोनों से प्रभावित है, जिससे भूकंपीय गतिविधि होती है। शिलॉंग पठार एक सक्रिय रूप से विकृत एंटिक्लाइनल उभार है, और 1897 के असम भूकंप (8.1 तीव्रता) जैसे घटनाओं ने इसकी भूकंपीय जोखिम को उजागर किया है। हालिया म्यांमार भूकंप हिमालयी भूकंपीयता से सीधे जुड़ा नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव पूर्वोत्तर राज्यों में महसूस हुए क्योंकि वे भौगोलिक रूप से निकट हैं और साझा टेक्टोनिक प्रभावों से प्रभावित हैं।


Earthquake strikes in Myanmar: जलवायु परिवर्तन और अतिरिक्त कारक भी भूकंप के कारण


एक उभरते शोध क्षेत्र से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन हिमालयी भूकंपों को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि ग्लेशियरों के पिघलने और ढलान की स्थिरता में परिवर्तन से भूस्खलन के जोखिम बढ़ सकते हैं। इसके अलावा, बड़े बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, जैसे जलविद्युत बांध, स्थानीय भूकंपीय गतिविधि को ट्रिगर कर सकते हैं, हालांकि यह अभी भी जांच के अधीन है।


Earthquake strikes in Myanmar: टेक्टोनिक सेटिंग्स की तुलना क्षेत्र टेक्टोनिक सेटिंग


हिमालयी रेंज महाद्वीप-महाद्वीप टकराव मुख्य हिमालयी थ्रस्ट (MHT) 2015 नेपाल (Mw 7.8), 1905 कांगड़ा (Mw 7.8)।

म्यांमार सबडक्शन और स्ट्राइक-स्लिप सागिंग फॉल्ट, अराकान योमा 2025 म्यांमार (Mw 7.3), 2016 बागान (Mw 6.8)।

पूर्वोत्तर भारत टकराव और सबडक्शन जोन का जंक्शन डौकी फॉल्ट, इंडो-बर्मा रेंज 1897 असम (Mw 8.1), 1950 ऊपरी असम (Mw 8.6)।

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