Shree Krishna Janmashtami: मथुरा में धूमधाम से मनाया जाएगा श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव, सिंदूर पुष्प बांग्ले में विराजेंगे ठाकुर जी, कामधेनु प्रतिमा से होगा दुग्धाभिषेक

Shree Krishna Janmashtami: मथुरा। आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। मथुरा-वृंदावन की पावन धरती, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया, वहां उत्सव की तैयारियां चरम पर हैं। घर-घर, गलियों और मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है। ब्रजवासी अपने नटखट नंदलाल के जन्मोत्सव को उसी उत्साह के साथ मना रहे हैं, जैसे किसी परिवार में नवजात का स्वागत होता है।
Shree Krishna Janmashtami: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में विशेष आयोजन
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर के भागवत भवन में इस बार ठाकुर जी सिंदूर पुष्प बांग्ले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। चांदी के सूप में कन्हैया का अभिषेक किया जाएगा, जबकि सोने और चांदी से जड़ित कामधेनु की प्रतिमा से उनका दुग्धाभिषेक होगा। मध्यरात्रि 12:00 बजे से प्राकट्य उत्सव शुरू होगा, जिसमें देश-विदेश से आए लाखों भक्त शामिल होंगे।
Shree Krishna Janmashtami: मंदिर में कार्यक्रमों का समय श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में आज के कार्यक्रमों का विवरण इस प्रकार है:
सुबह: मंगला आरती
दिन में: सांस्कृतिक कार्यक्रम
रात 11:00 बजे: गणपति और नवग्रह स्थापना
रात 11:55 बजे: सहस्त्र चरण पूजन
रात 11:59 बजे: प्राकट्य दर्शन के लिए पट बंद
रात 12:00 से 12:10 बजे: प्राकट्य उत्सव दर्शन और आरती
रात 12:10 से 12:25 बजे: महाअभिषेक और दुग्ध अभिषेक
रात 12:25 से 12:40 बजे: रजत पुष्प कमल में ठाकुर जी का अभिषेक
रात 12:45 से 12:50 बजे: श्रृंगार आरती
रात 12:55 से 2:00 बजे: शयन आरती
Shree Krishna Janmashtami: भक्तों में उत्साह का माहौल
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर मथुरा-वृंदावन में भक्तों का उत्साह चरम पर है। ढोल-नगाड़ों, बैंड-बाजों और भक्ति भजनों की धुन पर श्रद्धालु उत्सव मना रहे हैं। मंदिर परिसर के गेट नंबर 1 पर भक्तों की लंबी कतारें लगी हैं। देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिरों को फूलों, रोशनी और रंगोली से सजाया गया है, जो उत्सव के उल्लास को और बढ़ा रहा है।
Shree Krishna Janmashtami: ब्रज की अनूठी परंपरा
ब्रज में श्रीकृष्ण को बाल स्वरूप में पूजा जाता है। मंदिरों में ठाकुर जी की सेवा नवजात शिशु की तरह की जाती है। भक्त अपने लाला के जन्मोत्सव को लेकर विशेष उत्साह में हैं और इसे परिवार के उत्सव की तरह मनाते हैं। मथुरा-वृंदावन की गलियां भक्ति और उमंग से सराबोर हैं।