डॉक्टर पूजा चौरसिया हत्याकांड: हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से 4 महीने में केस निबटारा करने का दिया आदेश

बिलासपुर: बिलासपुर हाई कोर्ट ने डॉ. पूजा चौरसिया हत्याकांड का जल्द निपटारा करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सिंगल बेंच ने ट्रायल कोर्ट को चार महीने के भीतर मामले की सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया है। इस निर्देश के बाद मामले के निपटारे की उम्मीद बढ़ गई है। डॉ. पूजा चौरसिया की मृत्यु के मामले में पुलिस ने 6 दिसंबर 2024 को आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) और 302 (हत्या) के तहत पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था।
17 जनवरी 2025 को, मामला सक्षम न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे केस की प्रकृति बदल गई। इसके चलते आरोप तय करने की प्रक्रिया दोबारा करनी पड़ेगी। ट्रायल कोर्ट ने निचली अदालत में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त समय की मांग की थी, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने चार महीने के भीतर मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया। सिंगल बेंच ने रजिस्ट्री को आदेश की प्रमाणित प्रति ट्रायल कोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। डॉ. पूजा चौरसिया की मृत्यु के मामले में आरोपी और उनके जिम ट्रेनर सूरज पांडेय ने हाई कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की थी, जो खारिज कर दी गई।
सूरज पांडेय हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं। पुलिस ने 9 अप्रैल 2024 को सूरज पांडेय को गिरफ्तार किया था और बाद में हत्या और दुष्कर्म की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। 10 मार्च 2024 को, डॉ. पूजा चौरसिया को महादेव हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, जहां उनके पति अनिकेत कौशिक ने उन्हें मृत अवस्था में लाकर पहुंचाया था। हॉस्पिटल प्रबंधन ने पुलिस को मेमो भेजा, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। पीएम रिपोर्ट में फांसी लगाने से मौत की पुष्टि हुई, जिसके बाद सूरज पांडेय पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया।
24 जनवरी 2025 को, ट्रायल कोर्ट ने हाई कोर्ट को पत्र लिखकर अतिरिक्त समय की मांग की, जिसे सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया। ट्रायल कोर्ट को चार महीने के भीतर मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया गया है। इस निर्देश के बाद, डॉ. पूजा चौरसिया हत्याकांड के निपटारे की उम्मीद बढ़ गई है।