Pahalgam Attack : पहलगाम हमले में भारत को मिला यूएई का साथ, राष्ट्रपति नाहयान ने कहा...हम भारत के साथ, पाकिस्तान को बड़ा झटका

- Pradeep Sharma
- 27 Apr, 2025
Pahalgam Attack: अबू धाबी/नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पहलगाम हमले की आलोचना करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत का साथ देने की बात कही है। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने
Pahalgam Attack: अबू धाबी/नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पहलगाम हमले की आलोचना करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत का साथ देने की बात कही है। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है। उन्होंने प्रधानमंत्री से बात करते हुए पहलगाम हमले की कड़ी आलोचना की। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति नाहयान के बीच हुई बातचीत की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके दी।
Pahalgam Attack: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि बातचीत के दौरान दोनों नेता इस बात एकमत थे कि आतंकवाद को उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में पूरी तरह से खारिज किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद की ओर से व्यक्त की गई संवेदनाओं के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
Pahalgam Attack: राष्ट्रपति नाहयान से बात करते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पूरी तरह से दृढ़ संकल्पित है और हमले के अपराधियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
Pahalgam Attack: पाकिस्तान को बड़ा झटका
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति नाहयान की इस बातचीत से पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगा है। यूएई का नाम दुनिया के बड़े मुस्लिम देशों में आता है और पाकिस्तान अक्सर दुनिया के सामने उसे अपना सबसे अच्छा दोस्त बताता रहा है। ऐसे में यूएई का भारत का पक्ष लेना पाकिस्तान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। क्योंकि, दुनियाभर के नेता पहले पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान की निंदा कर चुके हैं।
Pahalgam Attack: बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम ने कुछ आतंकवादियों ने वहां घूमने के लिए गए पर्यटकों पर हमला कर दिया था। हमले में 28 पर्यटकों सहित एक स्थानीय कश्मीरी नागरिक की मौत हो गई थी वहीं कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह हमला पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला था। जिसकी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रतिनिधि संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी।