Breaking News
:

जनजातीय गौरव दिवस 2025 : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनजातीय नायकों के परिजनों और समाज प्रमुखों से की मुलाकात, पंडो जनजाति के बसंत से मिलकर जाना कुशलक्षेम

जनजातीय गौरव दिवस 2025

अंबिकापुर : जनजातीय गौरव दिवस के भव्य समापन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीजी कॉलेज ग्राउंड में जनजातीय समाज के प्रमुखों, पीवीटीजी समुदाय के बुजुर्गों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों से दिल से मुलाकात की। सबसे भावुक पल तब आया जब राष्ट्रपति ने पंडो जनजाति के बसंत पंडो से गले मिलकर उनका कुशलक्षेम जाना और शॉल ओढ़ाया। बसंत ने बताया कि 1952 में जब भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद अंबिकापुर आए थे, तब उन्होंने 8 साल के बसंत को गोद लिया और नामकरण किया था। तब से पंडो जनजाति को “राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र” का गौरव प्राप्त है। राष्ट्रपति मुर्मू ने मुस्कुराते हुए कहा-“आप मेरे भी पुत्र जैसे हैं।”


राष्ट्रपति ने शहीद वीर नारायण सिंह, शहीद गेंदसिंह, सुकदेव पातर, बन्टु ध्रुवा, शहीद रामधीन गोंड जैसे जनजातीय क्रांतिवीरों के परिजनों को सम्मानित किया। बिरहोर, अबुझमाड़िया, बैगा, पहाड़ी कोरवा, उरांव, नगेशिया, खैरवार, कंवर, नागवंशी, मुरिया, गोंड और चेरवा जनजातियों के प्रतिनिधियों से एक-एक कर हाथ मिलाया, हालचाल पूछा और समूह फोटो खिंचवाई।


कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उइके और तोखन साहू, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम, ओमप्रकाश चौधरी, केदार कश्यप, श्याम बिहारी जायसवाल, लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद चिंतामणी महाराज, विधायक किरण देव, पुरंदर मिश्रा समेत तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे। पूरा मैदान जनजातीय नृत्य-गीतों और पारंपरिक वेशभूषा से रंगीन हो उठा। राष्ट्रपति की यह मुलाकात सरगुजा के लिए ऐतिहासिक पल बन गई, जहां जनजातीय अस्मिता को देश की सर्वोच्च आसंदी से सीधा सम्मान और स्नेह मिला।

Popular post

Live News

Latest post

You may also like

Subscribe Here

Enter your email address to subscribe to this website and receive notifications of new posts by email.

Join Us