Breaking News
दुर्ग निकाय चुनाव: बीजेपी ने जारी किया "अटल विश्वास पत्र", वादों की झड़ी, बागियों को दी सख्त चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ भगदड़ को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया, याचिका खारिज की, हाई कोर्ट जाने की दी सलाह
Create your Account
अस्थाई परमिट पर रोक से मप्र में बिगड़े हालात, प्रदेशभर में 4 हजार बसों के पहिए थमने से यात्री परेशान...


- Rohit banchhor
- 04 Jan, 2025
कोर्ट के आदेश के बाद हालात ये हैं कि स्थायी परमिट जारी करने वाले अधिकारी संभागस्तर पर पदस्थ ही नहीं हुए।
MP News : भोपाल। मध्यप्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश के बाद बसों के अस्थायी परमिट की व्यवस्था खत्म हो गई है। व्यवस्था के भंग होने से भोपाल में 215 तो समूचे मध्यप्रदेश में चार हज़ार बसों के पहिए थम गए है। बस स्टैंड पर बसें नहीं मिलने से यात्री बेबस नजर आ रहे है। आलम यह है कि यात्री बस स्टैंड और सड़कों पर घंटो खड़े होकर बसों का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि कोर्ट ने पूर्व में कहा था कि अस्थायी परमिट भ्रष्टाचार बढ़ा रहे हैं।अस्थाई परमिट को लेकर पिछले साल हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच द्वारा लगाई रोक के चलते यह स्थिति बनी हैं। कोर्ट के आदेश के बाद हालात ये हैं कि स्थायी परमिट जारी करने वाले अधिकारी संभागस्तर पर पदस्थ ही नहीं हुए।
MP News : परिवहन विभाग के अफसर भी समाधान पर चुप्पी साधे हुए हैं। बस संचालकों की मुश्किल ये है कि बिना परमिट बस चलाने पर चार गुना पेनाल्टी का प्रावधान है। बिना परमिट की गाड़ियों का एक्सीडेंट होने पर यात्रियों को भी बीमा का लाभ नहीं मिल पाएगा। दरअसल 31 दिसंबर से 1 जनवरी के बीच ज्यादातर निजी यात्री बसों के टीपी यानि अस्थाई परमिट की अवधि खत्म हो गई है। इधर नए परमिट जारी होने पर रोक है। ऐसे में आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। जानकारी के मुताबिक सितंबर 2024 में ग्वालियर हाईकोर्ट ने बस परमिट से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की मनमानी पर गंभीर टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि अस्थायी परमिट देना नियम बन गया है। इससे पूरे सिस्टम में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की बू आ रही है। ये परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव और मुख्य सचिव की जिम्मेदारी है कि वे सिस्टम में फैली मनमानी और विसंगतियों को देखें और भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करें।
MP News :
संभागों में डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के पद खाली-
कोर्ट और अपर मुख्य सचिव की तरफसे डायरेक्शन मिलने के बाद जिला परिवहन अधिकारियों ने अस्थायी परमिट जारी करने से हाथ खड़े कर दिए। अब नियम के तहत डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ही परमिट जारी कर सकते हैं। वे ही सक्षम अधिकारी हैं लेकिन स्थिति ये है कि प्रदेश के 10 संभागों में से एक में भी डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पदस्थ नहीं है। ऐसे में पूरा मामला अटक गया है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि जिला परिवहन अधिकारियों के प्रमोशन ही नहीं हुए।
MP News : सालों से स्थायी परमिट के लिए नहीं हुई बैठक-
कहा जा रहा है कि स्थायी परमिट बस ऑपरेटरों को जारी किए जाएं लेकिन स्थायी परमिट के लिए सालों से बैठक ही नहीं हुई है। सब कुछ अस्थायी परमिट पर ही हो रहा था। एक महीने के लिए मिलने वाले अस्थायी परमिट पर रोक के बीच अब बस ऑपरेटर बारात परमिट ले रहे हैं। ये ऑनलाइन मिल जाता है। ऑनलाइन ही फीस जमा करनी होती है। घर बैठे परमिट आ जाता है लेकिन इसके लिए फीस अधिक चुकानी पड़ रही है, जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। उनसे ज्यादा किराया वसूला जा रहा है।
MP News : मध्यप्रदेश में लगातार बिगड़ रही स्थिति-
स्थायी परमिट बंद होने और अस्थायी जारी नही होने के चलते 31 दिसंबर रात से ही भोपाल के विभिन्न बस अड्डों पर बसें खड़ी होनी शुरू हो गई हैं। हर रूट पर इसका असर दिख रहा है। दूसरी तरफ यात्रीयों को भी बसें नहीं मिल पा रही तो बस ड्राइवरों और स्टाफ के सामने बेरोजगारी की समस्या पैदा होने लगी है। पूरे प्रदेश में यह स्थिति बन रही है।
Related Posts
More News:
- 1. मध्यप्रदेश भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रमुख केंद्र: मंत्री लोधी
- 2. भारत हो सकता है पुतिन और ट्रंप के बीच वार्ता के लिए उपयुक्त स्थल, विशेषज्ञ ने की सिफारिश
- 3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में देंगे जवाब, कांग्रेस पर जारी रख सकते हैं हमला
- 4. ट्रेन की चपेट में आने से मां-बेटे सहित तीन की मौत, गांव में शोक की लहर...
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Popular post
Live News
Latest post
You may also like
Subscribe Here
Enter your email address to subscribe to this website and receive notifications of new posts by email.