Sharad Purnima 2025 : चंद्रमा की अमृत वर्षा में बनाएं खीर, मां लक्ष्मी के इस खास भोग से पाएं धन-समृद्धि

- Rohit banchhor
- 03 Oct, 2025
खास बात यह है कि इस रात चंद्रमा की किरणों में रखी गई खीर को खाने से रोगों का नाश होता है और कुंडली में चंद्रमा की अशुभता दूर होती है।
Sharad Purnima 2025 : डेस्क न्यूज। शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागर पूजा के नाम से भी जाना जाता है, इस साल 6 अक्टूबर 2025 को धूमधाम से मनाई जाएगी। आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि, जो 6 अक्टूबर को दोपहर 12.23 बजे शुरू होकर 7 अक्टूबर को सुबह 9.16 बजे तक रहेगी। इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ धरती पर अमृत की वर्षा करता है और मां लक्ष्मी की पूजा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। खास बात यह है कि इस रात चंद्रमा की किरणों में रखी गई खीर को खाने से रोगों का नाश होता है और कुंडली में चंद्रमा की अशुभता दूर होती है।
शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय-
ज्योतिषियों के अनुसार, शरद पूर्णिमा का पूजा मुहूर्त 6 अक्टूबर को रात 11.45 बजे से शुरू होकर 7 अक्टूबर को दोपहर 12.34 बजे तक रहेगा। इस दिन चंद्रोदय शाम 5.27 बजे होगा, जब चंद्रमा अपनी पूर्ण आभा के साथ उदित होगा। इस समय मां लक्ष्मी की पूजा और खीर का भोग लगाना विशेष फलदायी माना जाता है।
चंद्रमा की किरणों में खीर का चमत्कार-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें अमृतमयी होती हैं। इस रात बनाई गई खीर को चांदी या स्टील के पात्र में रखकर चंद्रमा की रोशनी में रातभर छोड़ देना चाहिए। सुबह इस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं, जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, उन्हें यह खीर जरूर खानी चाहिए। यह न केवल स्वास्थ्य लाभ देती है, बल्कि मानसिक शांति और समृद्धि भी लाती है।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का विशेष मंत्र-
शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी का जन्मदिन भी माना जाता है। इस रात मां लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष मंत्र का जाप अत्यंत फलदायी है। ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः इस मंत्र का 108 बार जाप करने और मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने से धन, वैभव और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। पूजा में कमल के फूल, मखाने की खीर और सफेद मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है।