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Operation Sindoor : भारत ने जारी की मारे गए आतंकियों की सूची, मसूद अजहर के रिश्तेदारों की भी मौत...

Operation Sindoor

भारत सरकार ने मारे गए आतंकियों की सूची जारी की, जिसमें मसूद अजहर के बहनोई हाफिज मोहम्मद जमील और अन्य प्रमुख आतंकी शामिल हैं।

Operation Sindoor : नई दिल्ली। भारत ने 6-7 मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त हमला किया। इस सटीक सैन्य कार्रवाई में 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। भारतीय सेना की इस एयरस्ट्राइक ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के शीर्ष कमांडरों को ढेर कर दिया। भारत सरकार ने मारे गए आतंकियों की सूची जारी की, जिसमें मसूद अजहर के बहनोई हाफिज मोहम्मद जमील और अन्य प्रमुख आतंकी शामिल हैं।


Operation Sindoor : मारे गए प्रमुख आतंकवादी-

अबु जिंदाल (लश्कर-ए-तैयबा)- लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर और मुरिदके के मरकज तैयबा का प्रमुख अबु जिंदाल इस हमले में मारा गया। उसकी अंतिम यात्रा में पाकिस्तानी सेना और सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी ने पाकिस्तान और लश्कर के गहरे नापाक गठजोड़ को उजागर किया।
हाफिज मोहम्मद जमील (जैश-ए-मोहम्मद)- मसूद अजहर का बहनोई हाफिज मोहम्मद जमील बहावलपुर के ‘सुब्हान अल्लाह’ मरकज का प्रमुख था। वह युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में सक्रिय था।
मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी (जैश-ए-मोहम्मद)- मसूद अजहर का दूसरा साला मोहम्मद यूसुफ जैश के हथियार प्रशिक्षण शिविरों का संचालक था। वह जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों और IC-814 विमान अपहरण कांड में शामिल था।
खालिद उर्फ अबु आकाशा (लश्कर-ए-तैयबा)- लश्कर का यह आतंकी जम्मू-कश्मीर में हमलों और अफगानिस्तान से हथियार तस्करी के नेटवर्क का संचालक था। उसकी अंतिम यात्रा में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और डिप्टी कमिश्नर की उपस्थिति ने पाकिस्तान की संलिप्तता को और उजागर किया।
मोहम्मद हसन खान (जैश-ए-मोहम्मद)- PoK में जैश का ऑपरेशनल कमांडर और मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा मोहम्मद हसन खान जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की साजिश रचने में अहम भूमिका निभाता था।


Operation Sindoor : पाकिस्तान की संलिप्तता पर सवाल-

ऑपरेशन सिंदूर के बाद मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान में सैन्य और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई, जो इस बात का सबूत है कि पाकिस्तानी सेना और सरकार न केवल आतंकवादियों को पनाह देती है, बल्कि उन्हें खुला समर्थन भी देती है। यह न केवल भारत के लिए चिंताजनक है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर खतरा है। पाकिस्तान की यह हरकत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी चुनौती पेश करती है।

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