Jaipur Bomb Blast Case: चार आतंकियों को उम्रकैद, चांदपोल जिंदा बम मामले में कोर्ट का फैसला

Jaipur Bomb Blast Case: जयपुर: जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट 2008 से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में विशेष कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। विशेष न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी ने चार आतंकियों—सरवर आजमी, सैफुरहमान, मोहम्मद सैफ और शाहबाज अहमद—को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह मामला चांदपोल हनुमान मंदिर के पास मिले जिंदा बम से संबंधित था, जो उस हमले का हिस्सा था जिसमें 71 लोग मारे गए थे।
Jaipur Bomb Blast Case: कोर्ट का निर्णय
कोर्ट ने चारों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (षड्यंत्र), 121-ए (देश के खिलाफ युद्ध), 124-ए (राजद्रोह), 153-ए (धर्म के आधार पर वैमनस्य), 307 (हत्या का प्रयास), यूएपीए एक्ट 1967 की धारा 18 और विस्फोटक अधिनियम 1908 की धारा 4 व 5 के तहत दोषी ठहराया। 4 अप्रैल को दोषी करार दिए गए इन आतंकियों को सजा सुनाए जाने के बाद वे मुस्कुराते हुए कोर्ट से बाहर निकले, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए।
Jaipur Bomb Blast Case: मामले का इतिहास
13 मई 2008 को जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट में 9 बम विस्फोट हुए थे। चांदपोल में मिला जिंदा बम डिफ्यूज कर दिया गया था। इससे पहले, इनमें से तीन को ब्लास्ट के लिए फांसी की सजा मिली थी, लेकिन 2023 में राजस्थान हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। विशेष कोर्ट ने 112 गवाहों और 1200 दस्तावेजों के आधार पर यह फैसला सुनाया।