जनजातीय गौरव दिवस: सरगुजा में भव्य आयोजन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- जनजाति समाज भारत की रीढ़
अंबिकापुर : भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर छत्तीसगढ़ में 15 से 20 नवंबर तक चले जनजातीय गौरव महोत्सव का आज भव्य समापन हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और आदिवासी समाज को देश की असली रीढ़ बताते हुए कहा, मैं खुद जनजातीय परिवार की बेटी हूं। पहले भी अपनी संस्कृति को जीती थी और आज भी जीती हूं। जल, जंगल, जमीन के साथ-साथ हमारी संस्कृति को भी जीवंत रखना होगा। यह हमारी खूबसूरत विरासत है, इसे प्रमोट करने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ के 25 साल पूरे होने पर सभी को बधाई दी और कहा कि छत्तीसगढ़-ओडिशा-झारखंड की जनजातीय विरासत बहुत गहरी है, यहां रोटी-बेटी का रिश्ता सदियों पुराना है। उन्होंने आदिवासी महिलाओं से मुलाकात कर खुशी जताई और शिक्षा, स्वास्थ्य, जल-जंगल-जमीन के साथ संस्कृति को भी प्राथमिकता देने का आह्वान किया। बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर राष्ट्रपति ने उन्हें सच्चा राष्ट्रनायक बताया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रपति के आगमन को छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का क्षण बताया और कहा कि नक्सल पीड़ित परिवारों से राष्ट्रपति भवन में हुई मुलाकात ने उन्हें नई उम्मीद दी है। कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओरांव, राज्यपाल रमेन डेका समेत हजारों आदिवासी भाई-बहन मौजूद रहे। जनजातीय नृत्य, गीत, हस्तशिल्प मेला और सांस्कृतिक प्रदर्शनी ने पूरे मैदान को रंग-बिरंगा बना दिया। अंबिकापुर का यह समारोह आदिवासी गौरव और एकता का जीवंत प्रतीक बन गया।

