भोपाल-इंदौर में 3 साल पहले लागू हुई पुलिस आयुक्त प्रणाली की पहली बार होगी समीक्षा, अन्य शहरों में लागू करने बनेगा प्लान

MP News : भोपाल। मध्यप्रदेश के दो जिलों में तीन साल पूर्व शुरु हुई पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली की विस्तृत समीक्षा पहली बार होने जा रही है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद क्या प्रभाव देखने को मिले इस बात पर चिंतन किया जाएगा। इसके बाद ही प्रदेश के तीन जिलों में भी प्रणाली के विस्तर पर अंतिम निर्णय होगा। मंथन को लेकर मंत्रालय की तरफ से पुलिस मुख्यालय को आंकड़े के साथ रिपोर्ट बनाने के लिए कह दिया गया है।
MP News : जानकारी के अनुसार सरकार ने 09 दिसंबर, 2021 से भोपाल और इंदौर शहर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की थी। इस दौरान भोपाल शहर में दो कमिशनर तो इंदौर शहर में तीन कमिश्नर नियुक्त किए गए। तब से लेकर इस नई व्यवस्था की सरकार ने कभी समीक्षा नहीं की थी। अब सरकार पहली बार भोपाल और इंदौर की पुलिस आयुक्त व्यवस्था की समीक्षा करेगी।
MP News : दोनों शहरों की अपराधिक रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि पुलिस आयुक्तों के अधिकारों में कटौती की जाए या फिर बढ़ोत्तरी। आयुक्त प्रणाली की समीक्षा विधानसभा सत्र के आसपास होने की संभावना है। इन दोनों ही शहरों की आबादी 10 लाख से अधिक है। जिस कारण पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की गई थी। प्रदेश में लंबे समय से भोपाल-इंदौर में इसको लागू करने की मांग पुलिस मुख्यालय की तरफ से उठाई जा रही थी।
MP News : भोपाल के शहरी क्षेत्र में 38 थाने और इंदौर 36 थाना क्षेत्रों को पुलिस कमिश्नर में शामिल किया गया। ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक प्रणाली लागू है। यदि इस व्यवस्था से भोपाल एवं इंदौर शहर में आपराधिक ग्राफ में सुधार हुआ होगा तो फिर उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी कमिश्नर प्रणाली अक्टूबर 2028 से पहले लागू की जा सकती है।