Ramlala consecration first anniversary : 22 की जगह 11 जनवरी को मनाई जाएगी अयोध्या राम मंदिर की वर्षगांठ, जानें क्या है वजह...

Ramlala consecration first anniversary : अयोध्या। 2024 में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में संपन्न हुई थी। उस दिन हिंदू पंचांग के अनुसार पौष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथी। इस वर्ष पंचांग के अनुसार यह तिथि 11 जनवरी को पड़ रही है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि हिंदू परंपरा में सभी धार्मिक उत्सव तिथि और पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं। इसी परंपरा का पालन करते हुए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ 11 जनवरी को मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर तीन दिन तक विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। ट्रस्ट ने इस आयोजन के लिए पांच प्रमुख स्थानों को चिन्हित किया है।
Ramlala consecration first anniversary : ये मुख्य कार्यक्रम होंगे-
श्रीराम मंत्र का जाप- आयोजन के दौरान छह लाख बार श्रीराम मंत्र का जाप किया जाएगा।
यज्ञ और हवन- यज्ञ मंडप में 1975 मंत्रों के साथ अग्नि देवता को आहुति दी जाएगी।
राग सेवा और बधाई गान- प्रार्थना मंडप में भगवान रामलला के समक्ष राग सेवा की जाएगी। मंदिर प्रांगण में तीनों दिन रामलला के सामने बधाई गान होगा।
संगीतमय मानस पाठ- यात्री सुविधा केंद्र पर संगीतमय मानस पाठ का आयोजन होगा।
रामकथा और प्रवचन- अंगद टीला पर दिन में रामकथा और प्रवचन होंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम- अंगद टीला पर शाम को भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
Ramlala consecration first anniversary : विशेष तैयारियां और सुरक्षा-
ट्रस्ट ने इस भव्य आयोजन को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। कार्यक्रम स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने यातायात और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
Ramlala consecration first anniversary : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका-
2024 में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य यजमान की भूमिका निभाई थी। इस विशेष आयोजन के लिए उन्होंने 11 दिन का व्रत रखा था। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का वह दिन भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में दर्ज हुआ।