राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव किया खारिज, यहां जानें पूरा मामला

नई दिल्ली: राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ दायर विशेषाधिकार उल्लंघन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। यह प्रस्ताव कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शाह के उस बयान के खिलाफ लगाया था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी पर कथित तौर पर "आक्षेप" लगाए थे। शाह ने अपने दावे के समर्थन में 24 जनवरी, 1948 की भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की एक विज्ञप्ति का उल्लेख किया था। इस विज्ञप्ति में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) का प्रबंधन एक समिति द्वारा किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और अन्य लोग शामिल होंगे।
विवाद की शुरुआत 25 मार्च, 2024 को राज्यसभा में आपदा प्रबंधन विधेयक, 2024 पर बहस के दौरान हुई। इस दौरान शाह ने कांग्रेस पर PMNRF के प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया था। इसके जवाब में कांग्रेस ने शाह के बयान को संसदीय नियमों का उल्लंघन बताते हुए विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया। हालांकि, राज्यसभा अध्यक्ष धनखड़ ने इस मामले में सभी दस्तावेजों का गहन अध्ययन करने के बाद अपना फैसला सुनाया। उन्होंने कहा, "मैंने इसे ध्यान से देखा है। मेरी राय में कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।" इस आधार पर उन्होंने प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
यह घटना कांग्रेस और सत्तारूढ़ दल के बीच तनाव को उजागर करती है। शाह के बयान और उसकी पुष्टि के लिए ऐतिहासिक दस्तावेजों के हवाले ने विवाद को और गहरा दिया था। लेकिन धनखड़ के फैसले ने स्पष्ट कर दिया कि शाह के बयान में कोई नियम तोड़ा नहीं गया। इस निर्णय से कांग्रेस को झटका लगा, जो इसे संसदीय मर्यादा का मुद्दा बनाना चाहती थी।