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Rajasthan News : झालावाड़ हादसे के बाद प्रशासन सतर्क, 18 जर्जर स्कूल तोड़े जाएंगे, 53 आंगनवाड़ियां शिफ्ट करने का आदेश

Collapsed government school building in Jhalawar and subsequent demolition orders for dilapidated schools by Rajasthan government post-accident

53 नाकारा आंगनवाड़ी केंद्रों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने और 188 आंगनवाड़ी केंद्रों की मरम्मत का आदेश जारी किया गया है।

Rajasthan News : चूरू। झालावाड़ में हुए स्कूल हादसे में सात बच्चों की दुखद मौत के बाद राजस्थान सरकार और चूरू जिला प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क हो गया है। जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा ने जर्जर स्कूल भवनों और आंगनवाड़ी केंद्रों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिले के 18 जर्जर स्कूलों को जमींदोज करने और 48 स्कूलों में मरम्मत कार्य शुरू करने का फैसला लिया गया है। साथ ही, 53 नाकारा आंगनवाड़ी केंद्रों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने और 188 आंगनवाड़ी केंद्रों की मरम्मत का आदेश जारी किया गया है।


कलेक्टर सुराणा ने कहा, “बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” उन्होंने बताया कि 53 नाकारा आंगनवाड़ी केंद्रों को तत्काल प्रभाव से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि 188 केंद्रों में मरम्मत कार्य जल्द शुरू होगा। जिले के 110 स्कूलों में 241 जर्जर कमरों को चिह्नित कर सील कर दिया गया है, जिनमें से 18 स्कूल पूरी तरह ध्वस्त किए जाएंगे। कुछ स्कूलों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।


झालावाड़ हादसे से सबक लेते हुए प्रशासन ने PWD, बिजली विभाग, EPDC और अन्य अधिकारियों की एक विशेष टीम का गठन किया है, जो जर्जर भवनों का सर्वेक्षण और त्वरित कार्रवाई करेगी। कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन दो स्तरों पर काम कर रहा है: पहला, स्कूलों का दोबारा निरीक्षण कर जलभराव और खराब रास्तों जैसी समस्याओं का समाधान करना; दूसरा, जिले के सभी सरकारी भवनों, कार्यालयों और अस्पतालों की स्थिति का आकलन करना। उन्होंने कहा, “हादसा कभी कहकर नहीं होता, लेकिन हम इसे रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।”


राज्य सरकार ने जर्जर भवनों के लिए फंड उपलब्ध कराया है, जिससे मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्य में तेजी आएगी। चूरू प्रशासन की इस सक्रियता से स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर भरोसा बढ़ा है, और यह कदम भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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