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Mahakumbh 2025 : 10 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में लगाई डुबकी, संख्या बढ़ने की उम्मीद

Mahakumbh 2025

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए बताया कि 10 करोड़ का आंकड़ा गुरुवार की दोपहर 12 बजे पार हो चुका था।

Mahakumbh 2025 : प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ में अब तक 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के त्रिवेणी संगम में स्नान करने के लिए पहुंचे हैं। यह ऐतिहासिक आंकड़ा 23 जनवरी तक पार कर लिया गया है, जिससे महाकुंभ की महिमा और श्रद्धा का प्रतीक बन चुका यह आयोजन और भी विशेष हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए बताया कि 10 करोड़ का आंकड़ा गुरुवार की दोपहर 12 बजे पार हो चुका था।


Mahakumbh 2025 : श्रद्धालुओं का उत्साह और संख्या में वृद्धि-
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं का रेला लगातार बढ़ता जा रहा है। स्नान पर्वों के दौरान लाखों लोग संगम में पुण्य की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में कुल 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे। बृहस्पतिवार को दोपहर 12 बजे तक करीब 30 लाख लोगों ने संगम में स्नान किया, जिसमें 10 लाख कल्पवासी, विदेशी श्रद्धालु और साधु-संत भी शामिल थे।


Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में प्रमुख स्नान पर्वों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु-
महाकुंभ के दौरान प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या ने रिकॉर्ड तोड़ा है। मकर संक्रांति के अवसर पर करीब 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई, जबकि पौष पूर्णिमा पर यह संख्या 1.7 करोड़ के पार पहुंची।


Mahakumbh 2025 : दक्षिण अफ्रीका से भी श्रद्धालुओं की आस्था की ओर रुख-
महाकुंभ में विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। विशेष रूप से दक्षिण अफ्रीका से हजारों श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। जोहानिस्बर्ग में भारत के महावाणिज्यदूत महेश कुमार ने बताया कि 13 जनवरी के बाद से महाकुंभ में शामिल होने के लिए सौ से अधिक वीजा जारी किए गए हैं और कई लोग अपने ओसीआई कार्ड का उपयोग करके इस आयोजन में भाग लेने के लिए आ रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के पर्यावरण कार्यकर्ता ने महाकुंभ में शामिल होने की योजना बनाई है और इस आयोजन को लेकर बहुत उत्साहित हैं। उनके अनुसार, इस तरह का अगला महाकुंभ साल 2169 में होगा, जिससे इस आयोजन का महत्व और भी बढ़ जाता है।


Mahakumbh 2025 : महाकुंभ का आध्यात्मिक महत्व-
महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह विश्वभर के लोगों को आध्यात्मिक लाभ भी प्रदान करता है। महाकुंभ में आकर श्रद्धालु अपनी जीवन यात्रा को संपूर्ण करने की भावना से जुड़े होते हैं। रामकृष्ण केंद्र के स्वामी विप्रानंद महाराज ने बताया कि महाकुंभ का अनुभव करना दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में बहुत कठिन है, क्योंकि वहां इस तरह के आयोजन का कोई तुलनात्मक उदाहरण नहीं है।

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